कोरबा

*भंडारखोल पंचायत में बीते पांच साल चला भ्रष्ट्राचार का खुला खेल…..! गौठान में अधूरे निर्माण का लिया पूरा भुगतान, नलकूप खनन, सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स स्थापना के नाम पर 1.31 लाख के वारे- न्यारे*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

कोरबा/पाली (छत्तीसगढ़ उजाला)। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान योजना सत्ता परिवर्तन के बाद हालांकि अधर पर लटक गया, लेकिन इस योजना संचालनकाल के दौरान अनेको पंचायत प्रतिनिधियों ने गौठान निर्माण के नाम पर खूब मलाई छानी है। भंडारखोल पंचायत में भी उक्त महत्त्वकांक्षी योजना की आड़ में 14वें वित्त की राशि से वारे- न्यारे किये गए है। इसके अलावा शासकीय भवनों के मरम्मत के नाम पर प्रतिवर्ष के हिसाब से पूरे पांच साल तक मूलभूत की राशि का दुरुपयोग किया जाता रहा तो 15वें वित्त आयोग की राशि मे भी जमकर मुह मारी गई।

पाली जनपद के ग्राम पंचायत भंडारखोल की तत्कालीन व वर्तमान सरपंच प्रतिमा पैकरा के बीते पंचवर्षीय कार्यकाल में सचिव के सांठगांठ से भ्रष्ट्राचार का खुला खेल खेलते हुए सरकारी धन के जमकर वारे- न्यारे किये गए है। बात करें इस पंचायत को मिलने वाली मूलभूत राशि की तो हर वर्ष शासकीय भवन, गोदाम मरम्मत के नाम पर पूरे पांच साल इस राशि का बेखौफ दुरुपयोग किया गया। वहीं रनिंग वाटर स्थापना, बोर खनन, अहाता, पचरी निर्माण व नाली, सीसी कांक्रीट सड़क के नाम पर भी 15वें वित्त की राशि से गुलछर्रे उड़ाए गए है। 14वें वित्त की बात की जाए तो वर्ष 2020- 21 में आवंटित पूरी राशि गौठान निर्माण में तो फूंकी गई, लेकिन कई अधूरे निर्माण का पूरा भुगतान ले लिया गया। जिनमे से एक नलकूप खनन, सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स स्थापना के नाम से 1.31 लाख तो निकाले गए किंतु मौके पर महज बोर खनन कार्य ही दिख रहा है, धरातल पर सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स को आस्तित्व में ही नही लाया गया। विस्तृत रूप से बताते चलें कि बीते पंचवर्षीय पंचायती शुरुआती कार्यकाल में गौठान के निर्माण व इससे संबंधित सामाग्री खरीदी पर 14वें वित्त से 9 लाख की राशि खर्च बताई गई है, जिसमे नलकूप खनन कर सिन्टेक्स, सबमर्सिबल पंप फिटिंग पर अकेले 1 लाख 31 हजार की राशि का आहरण जियोटैग में है। जिसके मुताबित रिचार्ज बाउचर 19/10/2020 की तिथि में 30,150 रुपए, 29/10/2020 तिथि में 53,850 रुपए, 31/10/2020 की तिथि में 17,000 व 12/03/2021 की बाउचर तिथि में 30,000 रुपए की राशि आहरण का उल्लेख है। पंचायत के जानकार ग्रामीणों के मुताबित जिसकी हकीकत यह है कि पूर्व में गौठान निर्माण कार्य के दौरान 50- 60 हजार की लागत से बोर खनन का कार्य तो जरूर कराया गया है, पर सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स स्थापित करते उन्होंने आज तलक नही देखा। ऐसे में गत पंचवर्षीय कार्यकाल सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र नीतियों का आंकलन लगाया जा सकता है। जहां इनके मिलीभगत से ग्राम विकास के लिए जारी मूलभूत योजना और 15वें वित्त आयोग की राशि पर भी भारी लूट- खसोट करते हुए लाखों के हेराफेरी को अंजाम दिया गया है, जिसे अगले खबर के माध्यम से उजागर किया जाएगा। बहरहाल ग्रामीण सवाल उठा रहे है कि जब विकास की राशि का इस तरह दुरुपयोग होगा तो गांव का विकास कैसे संभव हो पाएगा। सरकारी धन को सुनियोजित तरीके से लूटने के मामले में जिम्मेदारों से ग्रामीण जनता को जवाब जरूर मांगनी चाहिए।

Related Articles

Back to top button