*चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की नई कार्यकारिणी से व्यापारिक हित हेतु स्पष्ट, समान और सरल नीतिगत दृष्टिकोण की अपेक्षा – कमल सोनी*
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के हालिया चुनाव के बाद उसकी नई कार्यकारिणी से प्रदेश के सभी व्यापारियों के हित संवर्द्धन की अपेक्षा की है।
कमल सोनी ने चैंबर की नई कार्यकारिणी से सवाल किये हैं कि यह चुनाव प्रदेश के 12 लाख व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, इसके साथ ही यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि व्यापारी समुदाय की आकांक्षाओं, समस्याओं और भविष्य की दिशा को स्वर देने का मंच होना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्यवश, यह चुनाव व्यक्तिगत स्वार्थ, पद-लोलुपता और सत्ता-संघर्ष में उलझ गया, जो पद लाभ के लिए समझौतावादी नीतियों के अत्यधिक प्रभाव को उजागर करता है।
उन्होंने एक बार फिर चैंबर की चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि केवल 27,000 वोटर्स और 50% जिलों की पूरी तरह से अनदेखी जैसे आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि यह चुनाव प्रदेश के व्यापारी वर्ग का समग्र प्रतिनिधत्व नहीं करता। अधिकतर व्यापारी ‘मूक दर्शक’ और ‘वोट मशीन’ बनकर रह गए।
युवा व्यवसायी नेता सोनी ने जोर देकर कहा कि छत्तीसगढ़ चैम्बर का प्रारूप ऐसा होना चाहिए था जिसमें प्रदेश के 33 जिलों में प्रत्येक जिले की इकाई में चुनाव आयोजित किये जाते। इन इकाईयों से कुल 99 पदाधिकारी चुने जाते, जो मिलकर राज्य स्तरीय नेतृत्व का चुनाव करते। इस प्रक्रिया में किसी क्षेत्र विशेष के लिए कोई अनिवार्यता या वर्चस्व जैसे नियम नहीं होते तो स्वाभविक रूप से पूरी प्रणाली लोकतांत्रिक, पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहती।
कमल सोनी ने तंज कसते हुए कहा है कि जब पूरी व्यवस्था एक ही क्षेत्र “रायपुर” तक सीमित हो जाए और लगातार वहीं से पदाधिकारियों का चयन हो, तो यह सवाल उठता है कि क्या यह वास्तव में प्रदेश का चैम्बर है या सिर्फ रायपुर का क्लब?
परिणामस्वरूप व्यापारी वर्ग को न तो योजनाओं में सहभागिता मिली, न ही उन्हें चुनाव की प्रक्रिया या उद्देश्यों की समुचित जानकारी दी गई। व्यापारी केवल ‘मूक दर्शक और वोट मशीन तथा पद प्राप्ति के लिए समझौतावादी नीति से प्रभावित होकर रह गए।
प्रदेश के बुलियन लीडर कमल सोनी ने छत्तीसगढ़ के व्यापार के लिए एक ठोस और दूरदर्शी कार्य योजना का खाका खींचते हुए कहा है कि यदि छत्तीसगढ़ को एक मजबूत व्यापारिक राज्य के रूप में उभारना है, तो केवल चुनावी प्रक्रिया में सुधार ही नहीं, बल्कि व्यापार और उद्यमिता की समग्र सोच को विकसित करना भी आवश्यक है।
उन्होंने 5 सूत्रीय ठोस कार्य-योजना का मसौदा पेश करते हुए इसे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक बताया-
- उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में निःस्वार्थ सेवा भाव को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे पद-सम्मान के लिए समझौतावादी नीति में उलझने की बजाय वास्तविक व्यापारिक हितों का संरक्षण व संवर्धन हो।
- उद्योग और व्यापार से संबंधित नए-नए सेमिनार, वर्कशॉप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को व्यापार की दिशा में आकर्षित किया जाये।
- छत्तीसगढ़ चैम्बर के प्रारूप और चुनाव प्रक्रिया में आवश्यक सुधार कर विकेंद्रीकरण की व्यवस्था की जाये ताकि सभी जिलों के व्यापारियों का समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
- स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग एवं डिजिटल मार्केटिंग व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने हेतु स्थानीय उत्पादों व सेवाओं का मजबूत प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए।
- वैश्विक बाजार में प्रवेश की रणनीति के तहत छत्तीसगढ़ के उद्यमों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने की व्यूह रचना तैयार की जाये ।
- छत्तीसगढ़ सराफा एसोसियेशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने उम्मीद जाहिर की है कि छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की नई कार्यकारिणी व्यापारिक हित हेतु स्पष्ट, समान और सरल नीतिगत दृष्टिकोण का मार्ग अपनायेगी।