*सिविल लाइन टीआई की कार्यशैली पर सवालिया निशान? दगाबाज प्रेमी से मिला धोखा तो बिना मां बाप की युवती ने खाया जहर, पुलिस ने कार्रवाई के बजाय प्रेमी और प्रेमी के घरवालों के बचाव में लगकर प्रेमिका के ऊपर बनाया दबाव…*
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में महिला संबंधी गंभीर मामले में प्रेमी और प्रेमी के घरवालों से मिले धोखे के बाद कार्रवाई के लिए आई युवती से पुलिस ने अपनी गजब की भूमिका को निभाते हुए नियम को ताक पर रखकर प्रेमी युवक के खिलाफ कार्रवाई करना छोड़ उस प्रेमिका के ऊपर दबाव बनाकर पूरे मामले को थाने से रफा दफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। महिला संबंधी मामले में तत्काल कार्रवाई का हवाला देने वाली बिलासपुर पुलिस की कारगुज़ारी यहां की कानून व्यवस्था पोल खोल दी। एक तरफ जहां पर प्रदेश में बैठी विष्णु देव की सुशासन वाली सरकार जो सुशासन तिहार का स्लोगन देते हुए आम जनता को न्याय और उनकी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए एक कदम आगे बढ़ा कर कार्य कर रही तो वहीं इनकी सरकार के पुलिस विभाग में इनकी यह योजना थाने के चौखट में दम तोड़ रही है। आपको बताते चले कि बीते पंद्रह से बीस दिन पूर्व एक युवती प्रेमी और उसके परिजनों ने युवती के साथ दुर्व्यवहार करते हुए अपनाने से इंकार किए जाने से नाराज होकर युवती प्रेमी के घर के सामने कीटनाशक जहर का सेवन कर वह पुलिस ऑफिसर मेस में शिकायत करने पहुंच गई। लेकिन वहां मौजूद अधिकारी ने तत्काल थाना सिविल लाइन को सूचना देकर युवती को उपचार और इसकी शिकायत पर कार्रवाई के लिए कहा, सूचना मिलते ही आनन फानन में सिविल लाइन की पेट्रोलिंग गाड़ी पहुंचकर युवती को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ लाभ होने पर युवती को थाना लाया गया और उसकी बाते सुनने के बाद उसके प्रेमी और परिजनों को बुलाया गया। जहां पर युवती शादी करने की बात कहती रही और शादी नहीं करने पर प्रेमी युवक के ऊपर दैहिक शोषण का मामला कायम की बात कही।लेकिन सिविल लाइन टीआई ने प्रेमी और परिजनों के साथ आए भाजपा नेताओं के आगे नतमस्तक होकर युवती को समझौता करने का दबाव बनाया गया। वही समझौता को लेकर युवती पर इतना दबाव बनाया कि उसको समझ में नहीं आया।
वही इस घटना की जानकारी मीडिया तक पहुंचने के बाद इस मामले को लेकर युवती पर दबाव डालते हुए कार्रवाई नहीं करना बताए। जबकि इस मामले में युवती से ना कोई शिकायत लेने की थानेदार ने जहमत उठाई नाही समझौता कराए जाने को लेकर कोई लिखित में युवती से लिया गया। इस पूरे मामले में सिविल लाइन पुलिस हील-हवाला करते हुए मामले को दबाने में जुटा हुआ नजर आया। वही युवती को दुबारा थाने तलब भी नहीं किया गया। सूत्र बता रहे है कि इस मामले में प्रेमी के परिजनों से मोटी रकम वसूल की गई। जिसके कारण यह मामला वही तक रह गया। जबकि इस मामले में जब युवती ऑफिसर्स मेस पहुंची तो वहां प्रशिक्षु आईपीएस ने कार्रवाई के लिए कहा था।
भाजपा नेता का दबाव
इस पूरे मामले में भाजपा नेता का फोन आया था, जिसके कारण इस मामले में पुलिस आरोपी को बचाने की जुगत में भीड़ गई।वही प्रेमी युवक के समाज के भी एक भाजपा नेता यहां डटे रहे और मामले को दबाने में लगे हुए थे।
बिन मां बाप की युवती
जिस युवती के साथ यह घटना घटित हुई है उसके माता पिता इस दुनिया में नहीं है।वही बगैर माता पिता की बच्ची के साथ ऐसा अन्याय।यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम् पर लगा प्रश्न चिन्ह?
धर्मात्माओं (साधुओं) असहायों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना और (दुष्टों) को दुष्ट जो अधर्म करते हैं और पाप में लिप्त रहते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय सत्य, न्याय, और सद्गुण करने वाली बिलासपुर पुलिस आज विष्णु के सुशासन तिहार को चुनौती देते नजर आ रही है। अब देखना यह होगा कि पीड़िता को न्याय मिलता है या सिविल लाइन टीआई को अभय दान यह सोचनीय विषय है।