*तीन नये मंत्रियों के आने से मंत्रियों के विभागों में होगा बदलाव…..डिप्टी सीएम का पद भी हों सकता है समाप्त….*

●सीजी उजाला न्यूज●
रायपुर. छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर राजनैतिक गलियारों में अटकलों का दौर चल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। साथ ही कई मंत्रियों का विभाग भी कम होगा।सीनियर विधायकों को मंत्री अगर बनाया जाना तय हुआ तो इनको बड़े विभाग ही दिए जाएंगे.राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि डिप्टी सीएम अरुण साव,विजय शर्मा व ओपी चौधरी सहित कई मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जाएगा.कुल मिलाकर कई मंत्रियों का कद कम किया जाना लगभग तय हैं. मंत्रिमंडल के विस्तार का सीधा असर मुख्यमंत्री के विभागों पर भी पड़ेगा। वर्तमान में मुख्यमंत्री के पास सबसे ज्यादा विभाग है। इसके साथ ही साय सरकार में डिप्टी सीएम के पद को समाप्त किया जा सकता हैं.तीन नए मंत्रियों के साथ दो मंत्रियों की छुट्टी होने की भी बात सामने आ रही हैं.साथ ही बचे मंडल व आयोग की भी नियुक्ति की जा सकती हैं.वैसे पीएससी जैसे महत्वपूर्ण विभाग में सदस्यों की नियुक्ति होनी भी बाकी है.चर्चा यह है कि इसमें संघ के पसंद का ध्यान रखा जाएगा.वैसे भी पूर्व की भूपेश सरकार में पीएससी घोटाला खूब चर्चा में रहा हैं.इसलिए पीएससी की नियुक्ति सरकार सोच समझकर ही करेगी.
छत्तीसगढ़ में हरियाणा फॉर्मूला लागू करने की चर्चा है। यहां भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधायक है, लेकिन यह मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल की संख्या 14 है। यदि यह फॉर्मूला लागू होता है तो यहां तीन मंत्री बनाने होंगे। ऐसे में विभागों का बंटवारा सही तरीके से करना भी जरूरी है. सभी को संतुष्ट कर पाना इतना आसान भी नहीं हैं.बता दें कि मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा विभाग डिप्टी सीएम अरुण साव और डिप्टी सीएम विजय शर्मा के पास है। दोनों के पास कई बड़े विभाग है.इसमें से कुछ विभाग नए मंत्रियों को दिए जा सकते हैं.साथ ही ओपी चौधरी को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी देकर मुख्यमंत्री वित्त विभाग नए मंत्री को सोंप सकते है वैसे भी इनको पुराना तजुर्बा रहा हैं.वैसे नए मंत्रियों में अमर अग्रवाल,अजय चंद्राकर,रेणुका सिंह, लता उसेंडी सहित पुरंदर मिश्रा को लिया जा सकता हैं.अब पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व क्या फैसला करेगा य़ह तो सूची जारी होते ही समझ मे आएगी.