*छत्तीसगढ़ उजाला*
रायपुर, 18 मार्च। नक्सल प्रभावित जिलों में राज्य बजट की राशि और केंद्र के एसआरएफ मद के खर्च को लेकर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने डिप्टी सीएम गृह विजय शर्मा को घेरा । चंद्राकर ने कहा कि इन जिलों में कार्ययोजना ये इतर राशि अन्य दूसरे कार्य में खर्च की जाती रही है। मंत्री ने कहा कि यह प्रति पूर्ति राशि है राज्य खर्च करता है। और केंद्र रिएंबर्स करता है।

प्रश्न काल में अजय चंद्राकर ने अपने प्रश्न के लिखित उत्तर के हवाले से कहा कि मूल उत्तर का भी संशोधित उत्तर आज सुबह दिया गया। इसमें बताया गया कि 173 करोड़ की योजना भेजी थी। 557 लाख मिले और खर्च किए 998 लाख व्यय किए गए। यानी स्वीकृति राशि से अधिक खर्च यह कैसे हुआ? मंत्री शर्मा ने कहा कि यह रिएंबर्स मद है राज्य के खर्च पर मिलता है। कहीं पर 100 प्रतिशत रिएंबर्स है तो किसी में 60-40 के अनुपात में मिला है। अजय ने कहा कि जहां नहीं मिला वहां राज्य के बजट से खर्च कर लिया गया। और 13 बिंदुओं की कार्ययोजना पर 25 बिंदुओं में खर्च किया गया। यह समझ में नही । पूरे 5 वर्ष ऐसे ही हुआ है। यहां तक की किराया महसूल कर बिजली बिल भी राज्य बजट से चुकाया गया हैं.पुलिस प्रशिक्षण भी इसी मद से किया गया हैं.यह कैसे हुआ…..
मंत्री मे कहा कि 18-19 के बजट में सभी हेड राज्य बजट के हैं, केंद्र से पृथक हैं लेकिन सभी खर्च के एसआरई 13 के तहत क्लेम करते हैं। अजय ने कहा कि उत्तर में कहीं नहीं लिखा कि ये राज्य और एसआरई के हेड है। एक हेड में पूरा खर्च बता रहे हैं दूसरे में शेष बता रहे। मंत्री ने कहा कि प्रावधानित, प्राप्त और व्यय शेष बताया गया है। यह सुरक्षा संबंधी प्रतिपूर्ति व्यय है।यह राज्य का बजट है।

अजय चंद्राकर ने कहा कि पुनर्वास मद में कम पैसा दिखाया गया है। मतलब कम पुनर्वास होता है। इसी तरह से इंश्योरेंस में भी पैसा मांगा लेकिन एक भी इंश्योरेंस नहीं किया और राशि पूरी व्यय बताया गया है। शर्मा ने कहा कि 19-20 में पुनर्वास के लिए 9 करोड़ ये प्रस्ताव में 5 करोड़ मिले। इसमें पूरी राशि केंद्र नहीं देता इसलिए कम दिख रहा है। यह राशि बीमा कंपनी सीधे देती है। और हम एस आर एम में क्लेन करते हैं। कुछ मिलता है और कुछ नहीं.
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