*नियम विरुद्ध नो-एंट्री के समय शहर में बेखौफ दौड़ रहे निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाले वाहन, बिना पहचान की रफ्तार कब किसे रौंद दे… कोई हिसाब नहीं* *यह लापरवाही शहर में गंभीर हादसों को दे रही है दावत*
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। शहर और आउटर क्षेत्रों में बिना नंबर प्लेट के बेलगाम दौड़ते भारी वाहन न केवल नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं, बल्कि लोगों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी से यह लापरवाही गंभीर हादसों को दावत दे रही है।
इन वाहनों पर परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की नजर तो है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सड़क पर लोगों की जान के लिए भी गंभीर खतरा बना हुआ है।
आरोप यह भी लग रहे कि, इन वाहन चालकों और ट्रांसपोर्टर्स की ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग से तगड़ी सांठगांठ है। इस वजह से ऐसे भारी वाहनों पर कार्रवाई करने से ये दोनों विभाग कतराते नजर आते हैं।
कर रहे नियमों की अनदेखी
निर्माण सामग्री और कंक्रीट मिक्सर मशीनें भी बिना नंबर के बेधड़क दौड़ रही हैं। इन वाहनों के चालकों द्वारा लापरवाह तरीके से गाड़ियां चलाने के कारण दुर्घटनाओं की आंशका बढ़ गई है।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए: अभिनव
जबड़ापारा निवासी अभिनव शुक्ला का कहना है कि, बिना नंबर वाले भारी वाहन लगातार दिखते हैं। अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो इनकी पहचान ही नहीं हो सकेगी। इसे गंभीरता से लेना होगा। प्रशासन को तत्काल सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
भारी वाहनों का दौड़ना बेहद खतरनाक: तेजस
सरकंडा के तेजस पांडेय का कहना है कि रोजाना बाजार जाते समय तेज रफ्तार से चलते इन भारी वाहनों को देखकर डर लगता है। कई बार ऐसे वाहन शहर में लापरवाही से चलते हैं, जिससे हादसे होते-होते बचते हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक हैं।
ऐसे वाहनों की लगातार करनी चाहिए जांच: योगेश चिंगराजपारा निवासी योगेश ठाकुर निवासी अमित सिंह का कहना है कि, यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को इन वाहनों की सख्त जांच करनी चाहिए। नियमों का पालन कराना जरूरी है, वरना सड़क हादसे बढ़ सकते हैं।
वसूली की भी होती रहती हैं शिकायतें
इन नियम तोड़ने वाले भारी वाहनों से ट्रैफिक सिपाहियों के द्वारा अवैध उगाही करने की हमेशा अधिकारियों के पास शिकायत भी पहुंचती रहती है। अधिकारी कार्रवाई भी करते हैं। इसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस के जवान अपनी हरकतों से बाज नहीं आते।
पिछले दिनों ऐसे अवैध उगाही का वीडियो भी एमपी में वायरल हो रहा था, जिसमें बिलासपुर ट्रैफिक पुलिस के कुछ जवान अवैध उगाही करते दिखे। बाद में इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई भी की थी।
पहचान में मुश्किल, नहीं होती जिम्मेदारी तय
बिना नंबर वाले भारी वाहनों की समस्या केवल नियमों के उल्लंघन तक सीमित नहीं है। यदि कोई दुर्घटना होती है, तो ऐसे वाहनों की पहचान कर पाना लगभग असंभव हो जाता है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर तेज रफ्तार से दौड़ते यह वाहन राहगीरों और अन्य वाहनों के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं।
इसके बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। सबसे अधिक कोयला लोड करके चलने वाले भारी वाहन इन नियमों को तोड़ते नजर आते हैं।
समय-सीमा के नियमों की हो रही अनदेखी
नियमों के अनुसार, भारी वाहनों को शहर में केवल दोपहर और रात के तय समय में प्रवेश करने की अनुमति है। मगर, हकीकत यह है कि ये वाहन दिनभर सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण आम नागरिकों को खतरे का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों शहर में इन वाहनों के चलते कई सड़क हादसे भी हो चुके हैं।
समाधान के लिए ये उठा सकते हैं जरूरी कदम
यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को नियमित रूप से चेकिंग अभियान चलाकर बिना नंबर वाले वाहनों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
परिवहन विभाग को भारी वाहनों की एंट्री पर सख्त निगरानी रखनी होगी।
निर्माण सामग्री ढोने वाले अवैध वाहनों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान कर कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रशासन, परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी
परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस का दायित्व है कि वे इन नियमों का कड़ाई से पालन करवाएं। बिना नंबर वाले वाहनों को जब्त कर उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा, शहर में भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही पर सख्त नियंत्रण जरूरी है। इसके लिए जिला प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा।
बिना नंबर प्लेट के वाहनों पर की जाएगी कार्रवाई
बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाने पर कड़ाई से कार्रवाई की जा रही है। कुछ दिन पहले ही एक ऑटो चालक को इसी तरह के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आगे भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
एसएस परिहार, यातायात डीएसपी, बिलासपुर