
रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला।
छत्तीसगढ़ मे कोल घोटाले के बाद सबसे ज्यादा चर्चा सीजीएमएससी की रही है।विधानसभा मे भी इस मामले की बड़ी चर्चा हो चुकी है।कम कीमत के सामानों को 1000 गुना ज्यादा की कीमत में खरीदकर सरकारी खजाने की चपत लगाई गई थी।छत्तीसगढ़ उजाला सीजीएमएससी के खेल को अक्सर उठाता रहा है।इस खेल में कई बडे सप्लायर भी शामिल है।छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में यह घोटाला 700 करोड़ के ऊपर का है।इस घोटाले की जांच में अब तेजी आ गई है। अब तक तीन आईएएस अधिकारी इस जांच के दायरे में आ चुके हैं। एसीबी/ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने IAS भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और पद्मिनी भोई से पूछताछ के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी। अब इन तीनों अधिकारियों को समन जारी कर तलब किया गया है।कल दोपहर को IAS भीम सिंह से पूछताछ हुई है, जो करीब चार घंटे से अधिक समय तक चली थी।पूछताछ में जांच एजेंसी को क्या जानकारी मिली है इसकी जानकारी अभी तक मीडिया में नही आई है।
आईएएस भीम सिंह स्टेट जीएसटी में कमिश्नर भी रहे है।इनके पहले दो जीएसटी कमिश्नर समीर बिश्नोई और रानू साहू आज जेल में बंद है।आईएएस भीम सिंह के पहले IAS चंद्रकांत वर्मा जो कि वर्तमान में कलेक्टर के पद पर है।इन से छह घंटे तक एसीबी/ईओडब्ल्यू ने पूछताछ की थी। जांच के दौरान अधिकारियों से टेंडर प्रक्रिया और घोटाले से जुड़े दस्तावेजों को लेकर सवाल-जवाब किए गए।जांच एजेंसी को इनसे संबंधित जानकारियां मिली हुई है।जांच एजेंसी पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम बेहतरीन तरीके से कर रही है।
आईएएस चंद्रकांत वर्मा से जांच में काफी जानकारी जांच एजेंसी को मिली है।वैसे चंद्रकांत वर्मा के समय मे काफी टेंडर किये गये थे।साथ ही करोड़ो का समान खरीदा गया था।सूत्रों के अनुसार सीजीएमएससी में जो भी पदस्थ रहा वो गुलाबी होकर ही निकला है।जांच की कड़ी में और कई।लोगो के नाम जुड़ सकते है।सोशल मीडिया में सीजीएमएससी का घोटाला काफी चर्चे में है।सत्ता धारी दल के विधायक भी विधानसभा में इसको लेकर आवाज उठा रहे है।एक भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि सुशासन की सरकार में इन भृष्ट अफसरों की गिरफ्तारी होनी चाहिए।
जांच एजेंसी इसके बाद वर्तमान सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई साहू को भी जांच के लिए अपने दफ्तर बुलवायेगी।सूत्रों के अनुसार सरकार के एक मंत्री भ्र्ष्टाचार करने वाले अफसरों से नाराज बताये जा रहे है।उनका साफ कहना है कि इन सभी भ्रष्टाचारी लोगो को जेल के अंदर करना चाहिए।कुछ लोगो का कहना है कि अगर इस मामले की जांच इसी तरीके से चली तो यह घोटाला करीब 1000 करोड़ के आसपास तक जा सकता है।वैसे इन तीनो आईएएस अफसरों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए।पूर्व की भूपेश सरकार में इन तीनो आईएएस अफसरों का जलवा हुआ करता था।स्वास्थ्य विभाग में करोड़ो का खेल इन अफसरों के द्वारा किया गया।खैर अब EOW/ACB की जांच से बहुत जल्द बड़े खुलासे होंगे।राज्य की यह जांच एजेंसी भ्र्ष्टाचार करने वाले अफसरों को नही छोड़ेगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी ईओडब्लू ने की हुई है एफआईआर दर्ज
ईओडब्ल्यू की जांच से बड़े मामले उजागर तो होंगे ही।eow ने इस बडे खेल में एफआईआर में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। इसमें स्वास्थ्य संचालक और CGMSC के एमडी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस घोटाले में शामिल कई बड़े अधिकारियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि अफसरों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है।इस मामले से बड़े भ्रष्टाचारियो के चेहरे से नकाब हटेगा।अपने आपको ईमानदार अफ़सर बताने वालो को असली सच्चाई सामने आएगी।