बिलासपुर

*मोटे मुनाफे का लालच देकर 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले चिटफंड कंपनी का फरार डायरेक्टर राजस्थान से गिरफ्तार*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। सरकंडा पुलिस ने निवेशकों को मोटे मुनाफे का लालच देकर 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले चिटफंड कंपनी के फरार डायरेक्टर राजस्थान के अलवर में रहकर नौकरी कर रहा था। उसका परिवार भोपाल में रह रहा था। पुलिस को चकमा देने के लिए वह लगातार ठिकाने बदल रहा था। साइबर सेल के सहारे पुलिस की टीम ने आरोपित को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित को न्यायालय में पेश किया गया है।

सारंगढ़ जिले के बिलाईगढ़ थाना अंतर्गत टुंड्री में रहने वाले अरुण वर्मा(34) ने करियर ड्रीम एजुकेशनल एकेडमी बनाकर लोगों को इसमें निवेश करने के लिए कहता था। उसने जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र में रहने वाले लोगों से कंपनी में करीब 10 करोड़ रुपये निवेश करा लिए। इसके बाद वह लोगों की रकम लेकर फरार हो गया। रुपये डूब जाने के बाद लोगों ने जिले के अलग-अलग थानों में अरुण और उसके साथी प्रदीप चंद्राकर के खिलाफ शिकायत की। इस बीच आरोपित फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इधर पुलिस ने प्रदीप और एक अन्य साथी सतानंद चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की टीम अरुण की तलाश में जुटी रही। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपित का परिवार भोपाल के आयकर कालोनी में रह रहा है। पुलिस की टीम भोपाल पहुंच गई। वहां पर पता चला कि आरोपित वहां नहीं रहता। जवानों ने किसी तरह परिवार के सदस्यों का नंबर लिया। इसके आधार चली जांच में पता चला कि आरोपित राजस्थान के अलवर में रहकर नौकरी कर रहा है। एक टीम को राजस्थान के अलवर भेजकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित को न्यायालय में पेश किया गया है।

लगातार बदलता रहा ठिकाना

पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह अपने परिवार को अलग-अलग जगहों पर रखता था। वह परिवार से दूर दूसरी जगह पर रहता था। फरारी के दौरान आरोपित मध्य प्रदेश के डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सागर, इंदौर में रहा। वर्तमान में उसका परिवार भोपाल में रह रहा था। आरोपित खुद राजस्थान के अलवर में रहकर नौकरी कर रहा था। पुलिस से बचने के लिए वह लगातार ठिकाने बदल रहा था।

आरोपित ने चिटफंड कंपनी बनाकर अपने साथियों के साथ लोगों से संपर्क कर ज्यादा मुनाफे का लालच देता था। इसमें ज्यादातर डाक्टर और नौकरी पेशा लोग फंस गए। राजकिशोर नगर में रहने वाले डाक्टर संजय बंजारे ने आरोपित के कहने पर 30 लाख रुपये का निवेश किया था। इसी तरह बंगालीपारा में रहने वाले डाक्टर व्यासनारायण कश्यप ने डेढ़ लाख का निवेश किया। नूतन कालोनी में रहने वाले विजेंद्र खांडेकर ने करीब सात लाख का निवेश किया था। इसके अलावा आरोपित के खिलाफ कोतवाली थाने में दो लोगों ने और कोनी थाने में एक व्यक्ति ने आरोपित के खिलाफ थाने में शिकायत की है। इसके अलावा आरोपित के खिलाफ बिलाईगढ़ थाने में भी जुर्म दर्ज है।

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