छत्तीसगढ

जनता बढ़ती गर्मी से त्रस्त, वही चुनाव आयोग भीषण गर्मी में करवा रहा चुनाव,गर्मी में मतदान के समय में बदलाव की है आवश्यकता

छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर

देश मे भीषण गर्मी के बीच मे लोकसभा चुनाव का होना कही न कही कम मतदान का प्रमुख कारण हो सकता है।देश मे इस बार मतदान का प्रतिशत कम आना अपने आप मे बहुत बड़ा सवाल है।एक तरफ चुनाव आयोग करोड़ो अरबो रुपये चुनाव में खर्च करता है।इसके साथ ही अरबो रुपयों खर्च करने के बाद भी मतदान का प्रतिशत बढ़ने की बजाय कम हो रहा है। चुनाव में सभी की उपस्थिति हो इसको लेकर कितने बड़े पैमाने पर कैम्पेन चलाया जाता है।आखिर इतनी गर्मी में लोग कैसे मतदान करने जाएंगे।इस पर चुनाव आयोग को मनन करने की आवश्यकता है।

●तीसरे चरण में भी कम मतदान●

लोकसभा चुनाव के लिए 93 सीटों पर मंगलवार को तीसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. इस दौरान करीब 64.5% वोटिंग दर्ज की गई. इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 66% मतदान रिकॉर्ड किया गया था. यहां पहले दो चरणों की तरह, तीसरे दौर में भी 2019 की तुलना में कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया, लेकिन अंतर काफी कम हो गया.

 

लोकसभा चुनाव के अंतिम यानी 7वें चरण के तहत बचे हुए 57 लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान होना है. इससे पहले पांच चरणों के मतदान के दौरान देश के 25 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 428 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. मतगणना 4 जून को होनी है.चुनाव आयोग को मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए मनन करते हुए बदलाव लाने की आवश्यकता है।गर्मी का पारा इस बार 50 डिग्री से ऊपर जा चुका है।प्रशासन कई जगहों में लोगो को घरों में रहने की सलाह दे रहा है।

वही दूसरी ओर बढ़ती गर्मी में लोग मतदान करने कैसे जाए,इसको लेकर आयोग को समय निर्धारण में बदलाव करने की आवश्यकता है।मतदान का समय दो पार्ट में किया जाना ज्यादा सही रहेगा।प्रथम चरण सुबह 6 बजे से 12 बजे द्वितीय चरण शाम 5 बजे से 9 बजे तक करने की जरूरत है।शाम को मतदान की व्यवस्था होते ही प्रतिशत का बढ़ना लगभग तय है।शाम को मतदान की सारी व्यवस्था आसानी से की जा सकती है।इस पर चुनाव आयोग को सोचने की जरूरत है।

पं.अनिल मिश्रा

 

Anil Mishra

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