सामुदायिक भवन पर पूर्व मंत्री डहरिया की पत्नी शगुन डहरिया का कब्जा:करोड़ो की सरकारी राशि से बनाया अपना कार्यालय,रायपुर नगर-निगम की सामान्य सभा में हुआ हंगामा:
●छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर●
सामुदायिक भवन पर पूर्व मंत्री डहरिया की पत्नी का कब्जा:रायपुर नगर-निगम की सामान्य सभा में हंगामा; मेयर ने जांच और कार्रवाई का किया ऐलान
रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा में बुधवार को प्रश्नकाल के पहले ही सवाल पर जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आरोप लगाया कि शताब्दी नगर तेलीबांधा स्थित सामुदायिक भवन पर पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के परिवार का कब्जा है।रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा में बुधवार को प्रश्नकाल के पहले ही सवाल पर जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आरोप लगाया कि शताब्दी नगर तेलीबांधा स्थित सामुदायिक भवन पर पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के परिवार का कब्जा है।
पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शगुन डहरिया के द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा का मामला सामने आने से रायपुर की राजनीति में बड़ा बवाल मचा हुआ है।अपने पद का मनमाना रुतबा दिखाकर सरकारी पैसों की बर्बादी खुलेआम की गई थी।आज इस मामले की कहानी सामने आने के बाद पूर्व मंत्री का बयान नही आना भी समझ से परे है।
इसके पहले भी सरकारी आवास में महंगे इलेक्ट्रानिक सामान ले जाने का आरोप पूर्व मंत्री शिव डहरिया पर लग चुके हैं। अब पत्नी शकुन डहरिया की समिति द्वारा सामुदायिक भवन में कब्जे के विवाद में फंस गए हैं। सभापति प्रमोद दुबे ने इस मामले में निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा को इस मामले में समिति बनाकर 15 दिन में जांच कराने के निर्देश दिये हैं। नगर निगम की सामान्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने गुरु घासीदास वार्ड के शताब्दि नगर कालोनी में नगर निगम के सामुदायिक भवन पर शकुन डहरिया की समिति का कब्जा होने का आरोप लगाया।
दस्तावेजों के साथ नेता प्रतिपक्ष ने सदन में दहाड़ते हुए कहा, शकुन डहरिया ने राजश्री सद्भावना समिति के नाम से सामुदायिक भवन पर कब्जा कर रखा है। समिति की वो अध्यक्ष हैं, उनके लेटरपैड और उनके हस्ताक्षर के साथ जोन 10 के आयुक्त के नाम आवेदन किया गया था, जिसमें शताब्दि नगर में निर्मित सामुदायिक भवन का संचालन व हस्तांतरण करने की अनुमति मांगी गई थी। इस पर मेयर इन काउंसिल की 16 जून 2022 की हुई बैठक में प्रस्ताव रखा गया। इसे एमआईसी द्वारा पारित किया गया।
सभापति ने कमिश्नर को दिए जांच कराने के निर्देश
सभापति प्रमोद दुबे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सदन की आसंदी ने नगर निगम कमिश्नर को जांच कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, निगम कमिश्नर महापौर से चर्चा कर जांच कमेटी बनाएं और 15 दिन के भीतर इसकी जांच करायें।