बिलासपुर

अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को मिली सफलता: नौकरी लगने का झांसा देकर बना रहा था शारीरिक संबंध, महिला की हत्या की गुत्थी पुलिस ने जल्दी सुलझाई, आरोपित हुआ गिरफ्तार

छत्तीसगढ उजाला

मुंगेली/लोरमी (छत्तीसगढ उजाला)। मुंगेली जिला लोरमी थाना क्षेत्र में महिला की हत्या की गुत्थी पुलिस ने चौबीस घंटे के भीतर सुलझा लिया। आरोपित ने हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया। वहीं आरोपित के खिलाफ धारा 302, 201, 376 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया।
चौकी खुड़िया क्षेत्रांतर्गत ग्राम दुल्लापुर के फारेस्टगार्ड सचिन सिंह राजपूत ने सूचना दी कि दुल्लापुर परिसर के भारपथना (स्थायी नाम) के पास एक अज्ञात महिला अर्धनग्न अवस्था में पड़ी है कि सूचना पर खुड़िया पुलिस मौके पर पहुंची जिस पर पहाड़ी के दो चट्टान के बीच में एक अज्ञात महिला का शव पाया गया एवं चट्टानों में खून के धब्बे तथा आसपास के पेड़ में लाल छिट्टेदार चुनरी बंधा हुआ मिला तथा मृतका के हाथ में एल लिखा हुआ पाया गया। मृतका का शव दो-तीन दिन पुराना होना प्रतीत हुआ। प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल का निरीक्षण डाग स्कावड टीम एवं फारेंसिक टीम के द्वारा कराया गया। चूंकि मृतका की पहचान नहीं हो पाई थी, अतः आसपास के ग्रामीणों के द्वारा शव की शिनाख्ती कराई गई तथा जिला मुंगेली सहित जिले से लगे सीमा जिला बिलासपुर, कवर्धा, बेमेतरा को सूचना दी गई। इस पर जिला बिलासपुर के थाना कोटा में दर्ज गुम इंसान का ही शव होने के संबंध मे संदेह होने पर थाना कोटा एवं मृतका के स्वजन से शव की पहचान कराई गई। जिस पर मृतका के भाई द्वारा मृतका के शव को देखकर दाहिने हाथ में गोदना, कान की बाली, गले में लाल धागा, फुल शर्ट को देखकर अपनी बहन के रूप में पहचान करने से मर्ग पंचानामा कार्रवाई की गई। मृतका की शव को सीएचसी लोरमी में पीएम के लिए सिम्स बिलासपुर रिफर किया गया। पीएम में प्राप्त रिपोर्ट अनुसार हत्या का प्रकरण होने से एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल एवं एसएसपी प्रतिभा पांडेय के निर्देश पर एसडीओपी लोरमी माधुरी धिरही के नेतृत्व में थाना प्रभारी लोरमी अखिलेष वैष्णव, चौकी प्रभारी खुड़िया केपी जायसवाल, साइबर सेल प्रभारी रवि जांगड़े के साथ पृथक-पृथक टीम गठित कर प्रकरण में तकनीकी समीक्षा एवं सीसीटीवी फुटेज निरीक्षण, काल डिटेल तथा पूछताछ की गई। पतासाजी में प्रथम दृष्टया कलीराम पिता मिलाप मरकाम (42) निवासी टिकरी थाना तखतपुर के साथ मृतका के संबंध होने एवं कलीराम का मृतका के घर आना-जाना होने एवं मृतका को नौकरी लगाने के लिए बोलने के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। साइबर एनालिसिस के आधार पर भी संदेही कलीराम का घटनास्थल के आसपास होने की जानकारी प्राप्त होने पर संदेही कलीराम से घटना के संबंध में पूछताछ की गई। पूछताछ से स्पष्ट हुआ कि मृतका करगीरोड-कोटा में अपने सहेली के साथ रह रही थी, जहां संदेही कलीराम का आना-जाना भी था एवं उससे मोबाइल से भी बातचीत करते रहता था। संदेही द्वारा मृतका को नौकरी लगाने का झांसा देकर पूर्व में शारीरिक संबंध बनाया गया था, इसके कारण मृतका संदेही कलीराम को नौकरी नहीं लगाने की स्थिति में उसके विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करने की बात कहते रहती थी, इसके कारण संदेही कलीराम ने मृतका की हत्या करने की योजना बनाई एवं पांच फरवरी को मृतका को लोरमी घूमने के लिए लोरमी बुलाया एवं मोटरसाइिकल में बिठाकर अपने साथ खुड़िया क्षेत्र में ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया एवं मृतका के विरोध करने पर आवेश में आकर उसके सिर को पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी एवं लाश को चट्टानों के बीच में छिपा दिया तथा मृतका के पहने हुए कपड़े, बैग एवं मोबाइल को अलग-अलग स्थानों में छिपा दिया।
पूछताछ एवं पतासाजी कर मेमोरेंडम के आधार पर प्रकरण में जब्त किया गया। प्रकरण में आरोपित कलीराम को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया। टीम में निरीक्षक अखिलेष वैष्णव, सहायक उपनिरीक्षक केपी जायसवाल, आजूराम गोड़, प्रधान आरक्षक दिलीप साहू, बालीराम ध्रुव, आरक्षक अरूण साहू, दीपक कुमार, भेषज पांडेकर, पवन गंधर्व, सैनिक कुलदीप राजपूत एवं थाना लोरमी तथा खुड़िया पुलिस स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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