सारंगढ़ उप जेल में बंदियों की पिटाई मामले में डीजी पहुंचे हाई कोर्ट, कहा – कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही विभागीय जांच भी कराई जा रही है
छत्तीसगढ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। सारंगढ़ उप जेल में बंदियों की पिटाई को लेकर अखबारों में प्रकाशित खबर को स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया है। बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट की नोटिस के बाद पुलिस महानिदेशक जेल डिवीजन बेंच के सामने उपस्थित हुए। पुलिस महानिदेशक ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में जेलर सहित चार कर्मचारियों को निलबिंत कर एफआइआर दर्ज कराई गई है।
डीजी जेल ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही विभागीय जांच भी कराई जा रही है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों बंदियों की ओर से उनके स्वजन ने हस्तक्षेप याचिका पेश किया। याचिकाकर्ता के स्वजनों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने बताया कि जेल के भीतर वसूली के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा दबाव बनाया जाता है और प्रताड़ित भी करते हैं। नकद राशि की मांग करते हैं। यही नहीं नकद राशि लेने के अलावा अलग-अलग खातों में आनलाइन ट्रांजेक्शन भी कराया जाता है। हस्तक्षेप कर्ताओं ने कोर्ट में उन खाता नंबर की जानकारी दी है कि जिसमें आनलाइन ट्रांजेक्शन किया गया है। डिवीजन बेंच ने इसे गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने जिन खाता नंबरों में आनलाइन राशि जमा कराई गई है उसके संबंध में पड़ताल करने के निर्देश डीजी जेल को दिए है। कोर्ट ने कहा है कि इन खाता नंबर की जानकारी जुटाई जाए और पूरी जानकारी कोर्ट के सामने रखी जाए। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने हस्तक्षेप कर्ताओं को भी फटकार लगाई और कहा कि जब जेल के भीतर वसूली की जा रही थी तो उच्चाधिकारियों से शिकायत क्यों नहीं की गई। इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम क्यों कर रहे थे। आप लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई हेतु 19 मार्च को रखने का आदेश दिया है।
सारंगढ़ उप जेल में रुपये की मांग कर कैदियों से मारपीट का मामला सामने आया है। मारपीट से घायल कैदियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कैदियों का वीडियो वायरल होने के बाद केंद्रीय जेल अधीक्षक ने मामले की जांच के बाद सहायक जेल अधीक्षक और दो प्रहरी को निलंबित कर दिया है। केंद्रीय जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने बताया कि सारंगढ़ उप जेल में कैदियों से मारपीट की शिकायत मिली है। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा था। वीडियो सामने आने के बाद सारंगढ़ उप जेल का निरीक्षण किया गया। जेल में बंदियों ने बताया कि प्रहरी महेश्वर हिचामी और टिकेश्वर साहू ने कैदी और बंदियों से रुपये की मांग करते हुए मारपीट की। इसका विरोध करने पर उन्होंने बंदियों और कैदियों से मारपीट की। मारपीट के कारण कुछ बंदियों को गंभीर चोटे आई हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जांच के बाद जेल अधीक्षक ने सहायक जेल अधीक्षक संदीप कश्यप, प्रहरी महेश्वर हिचामी और टिकेश्वर साहू को निलंबित कर दिया है।
मारपीट का मामला सामने आने के बाद जेल अधीक्षक ने उप जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान बंदियों ने बताया कि प्रहरी महेश्वर और टिकेश्वर जेल के अंदर कैदियों तक प्रतिबंधित सामान पहुंचाते थे। इसके लिए दोनों बंदियों और कैदियों से रुपये की मांग कर रहे थे। इसके साथ ही अन्य कैदियों से रुपये की मांग करते थे। इसका विरोध करने पर गाली-गलौज और मारपीट करते थे।