लोक आयोग की कार्रवाई के खिलाफ लगाई याचिका में पूर्व आईपीएस मुकेश गुप्ता को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने लोक आयोग की कार्रवाई और सीबीआई जांच की अनुशंसा को किया निरस्त
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बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। बिलासपुर हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक तिवारी ने पूर्व आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ सीबीआई जांच की अनुशंसा को खारिज कर दिया है। लोक आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए राज्य शासन से मेहता मेमोरियल ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की थी, जिसे अवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
रायपुर निवासी माणिक मेहता ने तत्कालीन डीजीपी और आईपीएस मुकेश गुप्ता पर मिक्की मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के नाम पर राज्य शासन से 3 करोड़ रुपए अनुदान राशि लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था।
2018 से पहले भाजपा सरकार में प्रभावशाली अफसर रहे मुकेश गुप्ता पर उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद साल 2020 में माणिक मेहता ने लोक आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर आयोग ने जांच कर राज्य शासन से सीबीआई जांच कराने की अनुशंसा कर दी थी।
पूर्व आईपीएस मुकेश गुप्ता ने लोक आयोग की जांच और कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने एडवोकेट मलय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका दायर कर बताया कि आयोग ने अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर अवैधानिक तरीके से सीबीआई जांच कराने की अनुशंसा की है।
याचिका पर सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने बहस की और बताया कि आयोग की यह कार्रवाई अवैधानिक है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने लोक आयोग की कार्रवाई और सीबीआई जांच की अनुशंसा को निरस्त कर दिया है।
दरअसल, माणिक मेहता का आरोप है कि मिक्की मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के नाम पर राज्य शासन से तीन करोड़ रुपए का अनुदान लिया था। इस अनुदान राशि के जरिए गरीबों का मुफ्त में मोतियाबिंद का आपरेशन होना था।
आरोप है कि पुलिस अफसर रहे मुकेश गुप्ता ने इस रकम का उपयोग अपने प्राइवेट लोन जमा करने में किया है। इसी आरोपों के आधार पर लोक आयोग ने जांच कर कार्रवाई की थी।