विश्वविद्यालय के हास्टलर्स की लडकियों को स्वीप कार्यक्रम में जाने नहीं दिया, सीयू में आधी रात छात्राओं का प्रदर्शन, शिक्षकों ने किया रात्रि जागरण
छत्तीसगढ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय की बालिका छात्रावास में शनिवार की आधी रात जमकर हंगामा हुआ। छात्राओं ने नौ घंटे तक हास्टल के मेन गेट पर प्रदर्शन किया। वार्डन डा.मोनिका भदौरिया व चीफ वार्डन प्रो.बीएस एस राठौर पर गंभीर आरोप लगाते हुए भोजन की गुणवत्ता व हास्टल की व्यवस्था पर सवाल उठाए। छात्राओं के हट प्रदर्शन के कारण शिक्षकों और अधिकारियों को रात भर रतजगा करना पड़ा। मामले में कुलपति ने जांच के आदेश दिए हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक और जहां नैक से मिले ए डबल प्लस ग्रेडिंग की खुशी का उत्सव मनाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के हास्टलर्स भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। यह पहला मामला नहीं है इसके पहले भी भोजन को लेकर कई बार छात्राएं प्रदर्शन कर चुकी हैं। हालांकि शनिवार का मामला थोड़ा अलग था। छात्राएं भोजन को लेकर सवाल तो उठा रही थीं लेकिन पुराने मुद्दों को लेकर। उनकी नाराजगी की असल वजह यह की उन्हें भोजन में सब्जी कम दी जाती है। दाल और रोटी खाने लायक नहीं रहती। सबसे ज्यादा नाराजगी वार्डन को लेकर थी। वार्डन डा मोनिका भदौरिया पर बदतमीजी करने और छात्रों को उकसाने का आरोप लगाया। वही चीफ वार्डन पर प्रो बीएस राठौर को लेकर कहा कि वे छात्रों पर अभद्र टिप्पणी करते हैं। छात्राओं इसे लेकर रात आठ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक कैंपस में प्रदर्शन किया। मामले की जानकारी होने पर विश्वविद्यालय के सभी आला अधिकारी छात्रों को मनाने पहुंच गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दरअसल प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी पहुंच गए। इसके बाद मामला और उलझ गया। लगभग 100 की संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं। एबीपी कार्यकर्ताओं के आने के बाद अधिकांश छात्राएं शिक्षकों के मानने के बाद हास्टल वापस चली गई। लेकिन कई छात्राएं ऐसी थी जो सुबह तक अपनी मांगों को लेकर अड़ी रहीं। इस दौरान प्रशासनिक छात्रावास अधीक्षिका प्रो अनुपमा सक्सेना ने छात्राओं को मनाने भरसक प्रयास किया जो बेनतीजा रहा। मामले की गंभीरता को देखते हुए कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालय में बालिकाओं के लिए तीन छात्रावास है। बिलासा छात्रावास, मिनीमाता छात्रावास और राज मोहिनी छात्रावास। मिली जानकारी के अनुसार मिनीमाता छात्रावास के छात्राओं को जिला प्रशासन द्वारा कैंपस में आयोजित स्वीप मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसके कारण कई नाराज छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया। खबर है कि बाद में उन्हें अनुमति दी गई। तब तक मामला बिगड़ चुका था। चीफ वार्डन और वार्डन को लेकर छात्र काफी नाराज नजर आई। मामले को लेकर हमने दोनों ही अधिकारियों से उनका पक्ष जानने प्रयास किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
हास्टल में भारी अवस्था
छात्रों का यह भी आरोप है कि हास्टल में भारी अवस्था है। प्रबंधन का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। छात्रों ने वार्डन डाक्टर मोनिका को तत्काल हटाने और माफी मांगने को लेकर भी अड़ी रही। हालांकि शिक्षकों के एकजुट होने के बाद वे सामने नहीं आई। इधर एबीवीपी के कार्यकर्ता दिन भर इंटरनेट मीडिया में सक्रिय नजर आए।
दोनों वार्डन कोरे कागज में इस्तीफा देने पहुंची
हास्टल की अव्यवस्था और स्वीप कार्यक्रम में नहीं भेजने से नाराज छात्राओं ने मिनीमाता और बिलासा छात्रावास की वार्डन के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। उन्होंने दोनों वार्डन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इधर, छात्रावास अधीक्षकों का कहना था कि बाहर जाने के बाद अगर कुछ हो जाता है तो इसकी जवाबदारी हमारी रहती। लिहाजा हमने छात्राओं को जाने नहीं दिया। दबाव अधिक होने के बाद दोनों हास्टलों की अधीक्षक कोरे कागज लेकर अपना इस्तीफा देने वाइस चांसलर के पास पहुंच गई। हालांकि वाइस चांसलर ने कुलपति के लौटने के बाद इस पर फैसला लेने की बात कही है।
छात्राओं के प्रदर्शन और उनकी समस्या को लेकर हमने कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हास्टल में यदि बेटियों को समस्या है, तो वे नियमानुसार अपनी बातें रख सकती हैं। हम 24 घंटे सुनने के लिए तैयार हैं। उनकी समस्या का त्वरित निराकरण किया जाएगा।
प्रो आलोक कुमार चक्रवाल, कुलपति
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर