बिलासपुर

बड़ा घोटाला: हितग्राहियों से थंब लगाकर 35 किलो चावल के बदले 350 रुपये देकर प्रतिमाह लाखों क्विंटल चावल की हेराफेरी करोड़ों का खेल, दो फूड इंस्पेक्टर कर रहे मामले की जांच

छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। बिलासपुर में सरकारी दुकानदारों ने चावल घोटाले को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया है। नवीनीकरण की आड़ में दुकानदारों ने सबसे पहले एपीएल हितग्राहियों के कार्ड जमा करा लिए। इसके बाद इसे बीपीएल में बदल दिया गया। इस कार्ड को दुकानदार अपने पास ही रखते थे। राशन लेने की तारीख में इन हितग्राहियों से थंब लगाकर चावल के बदले 10 रुपये किलो के हिसाब से 350 रुपये या फिर इतनी ही कीमत की शक्कर दे दी जाती थी। बाद में दुकानदार इसी चावल को 25 रुपये किलो के भाव से बाजार में खपाते थे। यानी 35 किलो चावल को 875 रुपये में बेचते थे और शुद्ध रूप से एक हितग्राही से 525 रुपये कमाते थे। इस तरह सैकड़ों हिग्राहियों से अब तक करोड़ों रुपये की चावल की हेराफेरी हो चुकी है।

खाद्य विभाग की ओर से जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच बीपीएल कार्डधारियों के राशन कार्ड का नवीनीकरण किया गया था। इसकी आड़ में शहर के विभिन्न वार्ड सहित विशेष रूप से वार्ड क्रमांक 26, 27, 28, 29 और 30 के सैकड़ों हितग्राहियों के एपीएल कार्ड के नंबर को विलोपित कर बीपीएल में बदल दिए जाने की शिकायत मिली, लेकिन इस फर्जीवाड़े की हितग्राहियों को कानोंकान भनक तक नहीं लगी। इसी तरह कार्ड के जरिए हर माह लाखों क्विंटल चावल की हेराफेरी हो रही थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद खाद्य विभाग ने अब आवंटन पर रोक लगा दी है।

मामले की शिकायत सामने आने के बाद खाद्य विभाग के नियंत्रक अनुराग भदौरिया ने मामले की जांच के लिए टीम बनाई है। इसमें विभाग के असिस्टेंट कंट्रोलर अजय मौर्य और इंस्पेक्टर धीरेंद्र कश्यप शामिल हैं। दोनों बीते दो दिनों से एपीएल से बीपीएल बने हितग्राहियों के घर पहुंचकर उनका बयान दर्ज कर रहे हैं। बयान में क्या आया है अभी इसका खुलासा नहीं किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद मामले की पोल खुलेगी।

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