पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा – बलौदा बाजार की घटना भाजपा नेताओं की आपसी गुटबाजी और कलह का दुष्परिणाम
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बलौदा बाजार की घटना भाजपा नेताओं की आपसी गुटबाजी और कलह का दुष्परिणाम है। इस घटना के पीछे भाजपा नेताओं की गुटबाजी है। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि यह भाजपा का ही प्रायोजित आंदोलन था।
पूर्व सीएम बघेल रविवार को छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने दोटूक कहा कि आंदोलन के पीछे सत्ताधारी दल के नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी और गुटीय राजनीति का ही हिस्सा है। इसके चलते इतनी बड़ी घटना घट गई। पूर्व सीएम ने भाजपा पर हमला जारी रखते हुए कहा कि आंदोलन को प्रायोजित करने के साथ ही फाइनेंस भी भाजपा नेताओं ने ही किया है। बलौदा बाजार की घटना के पीछे इनकी मंशा साफ दिखाई दे रही है। समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है।
भाजपा की यह राजनीतिक चाल चलने वाली नहीं है। बिलासपुर के सांसद तोखन साहू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलने के सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा कि जातिगत समीकरण को साधने के बहाने वरिष्ठ नेताओं को जानबूझकर दरकिनार कर दिया गया है। राज्य मंत्रिमंडल में अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक को किनारे कर दिया गया है। तोखन साहू को मंत्री बनाने के पीछे का इशारा साफ है।
डिप्टी सीएम अरुण साव का कद घटा दिया है। पूर्व सीएम ने कहा कि मोदी शाह के बीते 10 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा भाजपा नेताओं का ही अवमानना हुआ है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर हमला करते हुए कहा कि सीएम साय पर्ची वाले मुख्यमंत्री हैं। उन्हें खुद भी नहीं पता किसकी सरकार चल रही है। पूर्व सीएम ने नक्सलवाद पर कहा कि हमारी सरकार ने पांच साल में जो व्यवस्था की थी, उसी का सकारात्मक परिणाम बस्तर में आज दिखाई दे रहा है।
पूर्व सीएम बघेल ने केंद्र में भाजपा की अगुवाई में बनी गठबंधन की सरकार को छह महीने का मेहमान बताया है। उन्होंने कहा कि छह महीने से ज्यादा यह सरकार चलने वाली नहीं है। पूर्व सीएम ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उसके बाद चंद्रेश के बयान के आप मायने समझिए। उनके बयान को आप सहजता से ना लें। भाजपा और आरएसएस के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अंतर्विरोध के साथ ही मतभेद भी उभरकर सामने आने लगा है।