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जमीन घोटाले में कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा भूमिगत, गिरफ्तारी की आशंका तेज — इंदरपाल से पूछताछ शुरू, पीड़ितों के धरने के बाद सरकार सख्त

रायपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-कांग्रेस और बीजेपी की सरकार में लंबे समय तक सुर्खियों में रहे कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा से जुड़े धोखाधड़ी मामले में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। राजधानी के सिविल लाइंस थाने में होरा के रिश्तेदार और आरोपी इंदरपाल से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि उन्हें बीती रात हिरासत में लिया गया, हालांकि उनकी गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है। दूसरी ओर, गुरुचरण सिंह होरा फिलहाल भूमिगत बताए जा रहे हैं।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि पीड़ितों की शिकायतों के बाद होरा सहित अन्य आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया था। इस दौरान इंदरपाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया। शेष आरोपियों पर भी जल्द कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

धरना-प्रदर्शन, सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ

धोखाधड़ी से पीड़ित लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आजाद चौक और गांधी प्रतिमा के पास धरना दिया। होरा पीड़ित संघ के सदस्यों ने शांतिपूर्ण विरोध के तहत हनुमान चालीसा पाठ करते हुए तेजी से कार्रवाई की मांग की।

पीड़ित संघ के सत्येन्द्र सोनकर, देवनाथ देवांगन, सुरेश शर्मा, निथलेश देवांगन, ज्योति तिवारी, हेमराज अग्रवाल, पुष्पा साहू, भास्कर शर्मा, सुनील देवांगन सहित कई लोगों ने कहा कि बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े और धमकी की शिकायत के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना बेहद चिंताजनक है।

19 साल पहले मृत महिला को ‘जिंदा’ दिखाकर जमीन हड़पने का आरोप

धरने में शामिल पीड़ितों ने बताया कि चंगोरा भाठा क्षेत्र में उन्होंने छोटे-छोटे प्लॉट मकान निर्माण के उद्देश्य से खरीदे थे। लेकिन निर्माण शुरू करने पर आरोप है कि गुरुचरण सिंह होरा और उसके गुर्गों ने पत्थरबाजी कर उन्हें रोक दिया।

सबसे गंभीर आरोप यह है कि करीब 19 वर्ष पूर्व मृत हो चुकी सब्जी विक्रेता चमारीन बाई सोनकर को दस्तावेजों में जीवित दिखाकर कीमती जमीन रजिस्ट्री करा दी गई। इस फर्जीवाड़े में होरा के चार भांजे—रंजीत, मंजीत, इंदरपाल, हरपाल—और जेल में बंद IAS अनिल टूटेजा के साले सहित अन्य रिश्तेदारों के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।

पीड़ितों का आरोप है कि बोर्ड लगाकर अब भी औने-पौने दामों में जमीन बेचने का खेल जारी है।

होरा का पक्ष

मोबाइल स्विच ऑफ होने से पूर्व, गुरुचरण सिंह होरा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्हें राजनीतिक मंशा से फंसाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि जमीन से जुड़े वैध दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं और वे अदालत में अपना पक्ष रखेंगे।

क्या है मामला

1980 में मृत घोषित चमारिन बाई सोनकर को 1999 में जीवित बताते हुए चंगोराभाठा स्थित रिंग रोड की लगभग 1.627 हेक्टेयर भूमि (खसरा नंबर 78) की फर्जी रजिस्ट्री कराने का आरोप है। इस मामले में 8 अक्टूबर 2025 को गुरुचरण सिंह होरा एवं उनके रिश्तेदारों सहित कई अन्य पर धारा 420, 467, 471, 506 और 34 IPC के तहत केस दर्ज हुआ था। 12 से अधिक पीड़ितों और शासकीय गवाहों ने बयान भी दर्ज कराया है।

पीड़ितों का कहना है कि प्रभावशाली आरोपियों पर अब तक गिरफ्तारी न होना कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है।

प्रशांत गौतम

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