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28वीं अखिल भारतीय वन खेल प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने फिर रचा इतिहास — ओवरऑल चैंपियन बनने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व वन मंत्री केदार कश्यप ने दी बधाई

रायपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-छत्तीसगढ़ ने अखिल भारतीय वन खेल प्रतियोगिता में एक बार फिर अपना दबदबा कायम रखते हुए स्वर्णिम इतिहास रच दिया है। देहरादून में 12 से 17 नवम्बर तक आयोजित 28वीं ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट में शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ ने मेडल व अंकों की तालिका में पहला स्थान हासिल किया। 150 पदक व 578 अंकों के साथ राज्य ने लगातार दूसरे वर्ष ओवरऑल चैम्पियनशिप अपने नाम की है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने सभी विजेता खिलाड़ियों व टीम को बधाई देते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने प्रदेश का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है। उन्होंने भविष्य में भी इसी तरह उत्कृष्ट प्रदर्शन की शुभकामनाएँ दीं।

इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने 74 स्वर्ण, 34 रजत और 42 कांस्य पदक जीते। 253 सदस्यीय दल ने प्रतिभाग किया, जिसमें कई खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य को गौरवान्वित किया।

छत्तीसगढ़ के स्टार खिलाड़ी

निखिल जाल्को – तैराकी में 5 स्वर्ण, सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी

संगीता राजगोपालन – बैडमिंटन व टेनिस में 4 स्वर्ण, 1 रजत, सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी

ओपन थोटा संकीर्तन – एथलेटिक्स में 5 स्वर्ण, “गोल्डन गर्ल” का खिताब

सुखनंदन लाल ध्रुव – वेटरन पुरुष वर्ग में 5 स्वर्ण, सर्वश्रेष्ठ एथलीट

चारुलता गजपाल – वेटरन महिला वर्ग में 4 स्वर्ण


छत्तीसगढ़ ने लगातार 13वीं बार ओवरऑल चैम्पियनशिप ट्रॉफी अपने नाम की, जिसे समापन समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (से. नि.) गुरमीत सिंह और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने संयुक्त रूप से प्रदान किया। राज्य की ओर से यह ट्रॉफी सुश्री शालिनी रैना ने ग्रहण की।

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुश्री ऋचा शर्मा और वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने खिलाड़ियों की इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी।

मेडल टेबल में स्थान

छत्तीसगढ़ – प्रथम

केरल – 31 स्वर्ण के साथ द्वितीय

कर्नाटक – 25 स्वर्ण के साथ तृतीय

मेजबान उत्तराखंड – छठा स्थान


इस वर्ष प्रतियोगिता को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ते हुए “एक खेल – एक वन” की नवाचारी पहल की गई। प्रत्येक विजेता खिलाड़ी के नाम पर एक पौधा लगाया गया, ताकि खेल के साथ प्रकृति संरक्षण का संदेश भी पूरे देश में प्रसारित हो सके।

छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि न केवल खेल में उत्कृष्टता का प्रमाण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक प्रेरक उदाहरण है।

प्रशांत गौतम

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