गौरेला पेंड्रा मरवाहीछत्तीसगढ

मरवाही के कटरा जंगल में रातभर चलता जुए का अड्डा: मरवाही पुलिस सब जानकर भी अनजान! प्रशासन और रसूखदारों की सरपरस्ती में फल-फूल रहा अवैध कारोबार



जी.पी.एम. (छत्तीसगढ़ उजाला): जिले के अंतिम छोर कटरा के घने जंगलों में इन दिनों अवैध जुए का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। शाम ढलते ही यहां ताश की गोटियां सज जाती हैं और देर रात तक “बावन पत्ती” का खेल चलता रहता है। यह सब कुछ पुलिस और प्रशासन की जानकारी में होने के बावजूद बेखौफ तरीके से जारी है, जिससे कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जुआ खिलाने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम कहते हैं— “हम पुलिस, प्रशासन और नेताओं तक सबको देते हैं, इसलिए हमें कोई नहीं रोक सकता।” इतना ही नहीं, वे अपने राजनीतिक रसूख और ऊँची पहुंच का हवाला देकर क्षेत्र में धड़ल्ले से जुए की महफिलें जमाते हैं। रातभर शराब, ताश और शोरगुल के बीच हजारों-लाखों रुपये की बाजियां लगाई जाती हैं, जबकि प्रशासन खामोश तमाशबीन बना हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार को संरक्षण देने वाले कुछ प्रभावशाली लोग और अधिकारी हैं, जिन्हें हर महीने “नजराना” पहुंचाया जाता है। इसी वजह से जुआ संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। कटरा का जंगल अब अपराधियों और जुआरियों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है, जहां प्रभावशाली और रईस खिलाड़ी रातभर जश्न मनाते हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल जुए का खेल नहीं, बल्कि एक संगठित अवैध नेटवर्क है जो पुलिस और नेताओं की मिलीभगत से संचालित हो रहा है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर किन अधिकारियों और किन नेताओं के संरक्षण में यह खेल चल रहा है? यदि इस नेटवर्क पर तत्काल अंकुश नहीं लगाया गया, तो मरवाही क्षेत्र में अपराध, भ्रष्टाचार और सामाजिक विघटन और बढ़ेगा।

स्थानीय युवाओं पर इस जुए का नशा गहराता जा रहा है। बेरोजगार युवक तेजी से पैसे कमाने के लालच में इस दलदल में उतर रहे हैं, जिससे कई घरों में विवाद, कर्ज और आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि मरवाही पुलिस सबकुछ जानते हुए भी मौन साधे हुए है। ग्रामीणों और सूत्रों का कहना है कि या तो मरवाही थाना खुद मैनेज है, या फिर ऊपर के अधिकारी इस अवैध कारोबार में शामिल हैं। यही कारण है कि न तो कोई छापेमारी होती है, न किसी पर कार्रवाई। सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस किसके दबाव में चुप बैठी है?

ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कटरा जंगल में जुए के इस नेटवर्क की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों, नेताओं तथा जुआ संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

कटरा जंगल में खुलेआम चल रहा यह अवैध जुआ सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए खतरा नहीं, बल्कि प्रशासनिक ईमानदारी पर भी गहरा प्रश्नचिह्न है। अब देखना यह होगा कि क्या जिला प्रशासन इस पर सख्त कदम उठाता है या फिर यह अवैध खेल रसूखदारों की छत्रछाया में यूं ही चलता रहेगा।

प्रशांत गौतम

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