*जमीन की रजिस्ट्री के दौरान गड़बड़ी: 26 साल पहले सुनियोजित तरीके से दिया गया अंजाम, मुख्य आरोपी गिरफ्तार बाकी फरार*
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। जमीन की रजिस्ट्री के दौरान कार्बन कापी में छेड़छाड़ कर की गई 26 साल पुरानी ठगी का राज खुलने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने पहले ही दस्तावेज लेखक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। मामले में कुछ आरोपित अब भी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
रजिस्ट्री के दौरान की गई थी गड़बड़ी
नागपुर निवासी और एसईसीएल जमुना-कोतमा एरिया में सुरक्षा अधिकारी रहे अरुण कुमार दुबे ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1999 में उन्होंने मोपका स्थित रामफल कैवर्त की जमीन को सुरेश मिश्रा से खरीदी थी। तब सुरेश ने बताया था कि रामफल ने उसे मुख्तियारनामा दिया है। इसी के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। खरीद के बाद से ही जमीन पर उनका कब्जा बना हुआ था।
करीब एक साल पहले उन्होंने अपने नाम की जमीन की रजिस्ट्री सावित्री देवी राठौर के नाम कर दी। सावित्री देवी ने जब तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए आवेदन किया तो सुरेश ने किसी के माध्यम से आपत्ति की। उसने रजिस्ट्री की दूसरी कापी पेश कर जमीन को दूसरे के नाम पर बताया। जब अरुण कुमार को शक हुआ तो उन्होंने दस्तावेजों की जांच कराई। इसमें पता चला वर्ष 1999 में ही सुरेश मिश्रा ने रजिस्ट्री के कार्बन कापी में हेरफेर कर दूसरा खसरा नंबर दर्ज करा दिया था। इसी कागज के आधार पर वह जमीन पर दावा कर रहा था। इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की गई।
थाना प्रभारी निलेश पांडेय ने बताया कि मामले की जांच के बाद पुलिस ने दस्तावेज लेखक महेंद्र सिंह ठाकुर (50) को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच सुरेश मिश्रा फरार हो गया था। पुलिस को पता चला कि आरोपित शहर में घूम रहा है। इस पर घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपित को न्यायालय में पेश किया गया है। मामले में दस्तावेज लेखक के साथ ही राजेश कुमार मिश्रा, मनोज कुमार दुबे और बनमाली मंडल को गिरफ्तार किया जा चुका है।