विदेशी भूमि पर स्वतंत्रता दिवस का जश्न…..छत्तीसगढ़ के लोगों में अपने देश और संस्कृति को लेकर अलग उत्साह आया नज़र….. उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी और समन्वय मंत्री दीपक चौधरी भी रहे उपस्थित….

छत्तीसगढ़ उजाला Raipur
छत्तीसगढ़ के लोगों की अपनी एक अलग खासियत होती हैं वो जहां भी रहे वहां के लोगों का दिल जीत ही लेते हैं.विदेशी धरती पर अपने देश की आजादी का दिवस मनाने का अलग आनंद का मौका नहीं छोड़ते.लंदन में रहने वाले भारतीय लोगों का अपना एक एसोसिएशन हैं जिसमें वो लोग अपनी संस्कृति को सहेजने का काम भी बखूबी तरीके से करते आ रहे हैं. इस एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद साहू ने कार्यक्रम में अपनी बाते रखी.अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि सभी को बहुत-बहुत बधाई और सभी स्वयंसेवकों को उनके अविश्वसनीय समर्थन, योजना, धन जुटाने और उत्कृष्ट निष्पादन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद,
ताकि 79वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में छत्तीसगढ़ का एक शानदार प्रतिनिधित्व किया जा सके। भारतीय उच्चायोग, लंदन द्वारा आयोजित और यूके में भारतीय प्रवासियों द्वारा समर्थित हैं. हम सभी लोग अपने देश को हमेशा याद करते हैं साथ ही अपनी संस्कृति और त्योहारों को मनाने का मौका जब मिले उसको उमंग और उत्साहपूर्ण तरीके से मनाते हैं.
आशु अग्रवाल और श्वेता नीमा का विशेष उल्लेख, उन्होंने न केवल आयोजन में मदद की, बल्कि हमारे मेहमानों को भोजन परोसने के लिए भी कड़ी मेहनत की और अपने करीबी दोस्तों को उस दिन स्वयंसेवा करने के लिए बुलाया, अनीश पांडे ने खाने की सामग्री जुटाई और पूरे दिन खड़े रहे, श्रद्धा ने योजना बनाने में हमारा मार्गदर्शन किया और अपने बेटे के साथ प्रदर्शनी पंडाल में पूरे दिन स्वयंसेवा की और आगंतुकों को छत्तीसगढ़ की कला और शिल्प का प्रदर्शन किया, अनुजा भारत ने अपनी बेटी के साथ हमारे फूड स्टॉल और प्रदर्शनी पंडाल की स्थापना में मदद की, संदीप सेन जी ने उस दिन स्वयंसेवा करने के लिए लीसेस्टर से पूरी यात्रा की साथ ही हम भारती, भानु.रीनू , वंदना के भी उनके आगमन और प्रोत्साहन के लिए आभारी हैं।
उच्चायुक्त श्री विक्रम दोराईस्वामी जी और समन्वय मंत्री दीपक चौधरी हमारी तैयारी को बड़े ध्यान से देखा और इसकी सराहना की.इस वैश्विक मंच पर, वे दोनों हमारे प्रदर्शनी स्थल पर आए और हमारे सभी प्रयासों की सराहना की, साथ ही हमारे छत्तीसगढ़ी व्यंजन मंगौड़ी और चटनी का भी आनंद लिया। लगभग 15,000 से ज़्यादा दर्शक लंदन में इस असाधारण सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए और रोमांचित हुए। छत्तीसगढ़ की जीवंत संस्कृति, खान-पान और कला को प्रदर्शित करने के इस अद्भुत अवसर पर हम सभी को बहुत गर्व और आभारी होना चाहिए.