*मां की ममता हुई शर्मशार: नवजात शिशु को झोले में भरकर झाड़ियों में फेंका, ग्रामीणों ने डायल 112 के मदद से सरकारी अस्पताल पहुँचाया*
छत्तीसगढ़ उजाला

कोरबा/पाली (छत्तीसगढ़ उजाला)। अवैध संबंधों के परिणीति में किसी बिन बिहाए मां ने लोकलाज के भय से जन्मे नवजात शिशु को झोले में भरकर एक ग्रामीण के बाड़ी में झाड़ियों के बीच फेंक दिया। सुबह ग्रामीण ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तब नवजात का पता चला। जिसके तुरंत बाद गांव के लोगों ने डायल 112 को सूचित किया और नवजात को सरकारी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया, साथ ही पुलिस को भी घटना से सूचित किया गया है।
मामला पाली थानांतर्गत ग्राम डोंगानाला की है, जहां किसी बिन बिहाए निर्दयी मां ने ममता को झकझोरने वाली कृत्य को अंजाम देते हुए जन्मे नवजात शिशु को एक झोले में भरकर गांव के एक ग्रामीण किसान सत्ते सिंह मरकाम के बाड़ी में झाड़ियों के बीच बीती रात फेंक दिया था। आज सुबह जब ग्रामीण को अपने घर के पीछे स्थित बाड़ी से किसी नवजात के रोने की आवाज आयी और वह जब मौके पे जाकर देखा तो झोले में भरकर फेंके गए जीवित नवजात तड़पता मिला, जिस नवजात के शरीर पर चींटी व अन्य कीड़े चल रहे थे। जिसके बाद यह खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गई और ग्रामीणों का हुजूम इकट्ठा हो गया। जहां मौजूद लोग नवजात की हालत देख भावुक हो गए। इसके बाद लोगों ने डायल 112 को मामले की जानकारी दी तथा जिसके मदद से नवजात शिशु को पाली के सरकारी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया है। ग्रामीणों ने पाली पुलिस को इस मामले की जानकारी दे दी है। जिस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने नवजात से जुड़ी जरूरी कार्रवाई शुरू की है अथवा नही, इसकी जानकारी तो नही मिल पाई है लेकिन शिशु को अस्पताल के गहन चिकित्सा वार्ड में रखा गया है और डॉक्टरों की टीम नवजात की देखभाल कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि नवजात शिशु का जन्म बीती रात्रि में ही हुआ है, जो अवैध संबंधों का परिणाम हो सकता है और जिसे लोकलाज के भय से मां ने झोले में भरकर लावारिश हालत में फेंक दिया।