छत्तीसगढ

*अरबो के खेला मे विभाग के एमडी और डायरेक्टर पर सीएम सचिवालय क्यों हैं मेहरबान……किसकी दया से अब तक बचे है य़ह नौकरशाह….*

●छत्तीसगढ़ उजाला●

रायपुर▪︎▪︎▪︎▪︎

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग अपने कारनामों से हमेशा सुर्खियों में रहा हैं.छत्तीसगढ़ में इस विभाग की मलाई से सप्लायरों के साथ ही यहां पदस्थ रहे नौकरशाही भी लाल गुलाबी हुई हैं.सीजीएमएससी मे करोडों का घोटाला हुआ उसको लेकर प्रदेश में काफी चर्चा हुई.उस मामले की कहानी भी अजब ग़ज़ब रही.इतने बड़े खेला में डायरेक्टर-एमडी की मिलीभगत न हो य़ह तो असंभव सी बात हैं. आखिर अब तक की जांच में ये नौकरशाह बेकसूर कैसे हो सकते हैं.इस विभाग की सही जांच करायी जाए तो अब तक सबसे बड़ा घोटाला सामने आयेगा.

रीएजेंट खरीदी में मोक्षित कार्पोरेशन व सीजीएमएससी के कुछ अधिकारियों ने खूब मलाई खाई है। 660 करोड़ के रीएजेंट खरीदकर ऐसा खेल किया गया कि देखने वाले भी दंग रह गए। इस खेला में मोक्षित कार्पोरेशन के शशांक चोपड़ा समेत सीजीएमएससी के पांच अफसर अभी जेल में है। इस मामले में क्या सप्लायर की बस गलती थी.अब महत्वपूर्ण बात यह है कि तत्कालीन हैल्थ डायरेक्टर व सीजीएमएससी के एमडी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?बाजार में य़ह बात की चर्चा है कि नौकरशाहों  पर इतने जल्दी कार्रवाही नहीं होती.इस मामले में जांच एजेंसी पर भी दबाव बनाया जा रहा हैं.नौकरशाही होने का फायदा इनको दिया जा  रहा है।विभाग में अरबों रुपये की सप्लाई बिना हैल्थ डायरेक्टर व एमडी के कैसे हो सकती हैं.करोड़ों के रीएजेंट का ऑर्डर किसके कहने पर दिया जा गया है?अरबों के खेल में क्या इन नौकरशाहो  की मिलीभगत नहीं रही होगी? सूत्रों के अनुसार अरबों के खेल में आज भी खेला किया जा रहा है.स्वास्थ्य विभाग के लोगों का कहना है कि इस मामले में छोटे अधिकारियों को बली का बकरा  बना दिया गया है।सुशासन में सीएम सचिवालय के अफसरों की दया से अरबों के मामले से नौकरशाही को बचाने का खेल सेट हो गया है.अब इस मामले में सूबे के मुखिया क्या करेंगे य़ह देखना बाकी है.

 

Anil Mishra

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