
●सियासत छत्तीसगढ़ उजाला●
●रायपुर●
छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने सुशासन तिहार तो मना लिया.काफी जोर शोर से सरकार के जनसंपर्क विभाग ने खूब ढोल पीटा. खूब प्रचार प्रसार किया गया.ऐसा लगा मानो जनता की सारी समस्याएं अब निपटा दी जाएंगी. पर धरातल में वास्तविकता कुछ और ही हैं.सुशासन तिहार में सूबे की सरकार शहर से लेकर गांव तक पहुंची।सूबे के मुख्यमंत्री उडन खटोले से उड़कर अपने ओएसडी और तमाम अफसरों के साथ ग्रामीणों से मिले.लोगों से मिलकर सूबे के मुखिया को य़ह तो समझ में आ गया कि सरकार की इमेज जनता के सामने सही नहीं हैं.सीएम सचिवालय के अफसरों को जहां सरकार की इमेज सही लगने की रिपोर्ट थी उन्हीं क्षेत्रों में मुख्यमंत्री के जाने का कार्यक्रम बनाया जाता था पर कई जगह इनके खिलाफ भी बाते सामने आ गई.सुशासन में मंत्री ओपी चौधरी को हटाने की भी बाते सरकार के सामने आई थी.ऐसे बहुत से मसले जनता के थे पर उनकी समस्याओं पर अब तक कितना काम हुआ हैं य़ह समझ से परे हैं.जनता आज भी अपनी समस्याओं को लेकर अफसरों के पास चक्कर काट रही हैं.
सरकार की कमजोर छवि को मजबूत बना पाने में जनसंपर्क विभाग हुआ फेल….
सुशासन तिहार में बड़े सरकारी ख़र्चे किए गए उसका हिसाब तो अभी तक नहीं मिला हैं पर चर्चा है कि सुशासन तिहार में करोडों रुपये केवल विज्ञापन और प्रचार प्रसार में ही फूंक डाले गए.वैसे जनसंपर्क विभाग की लूटपाट से सभी कोई वाकिफ हैं.अपने लोगों को लाखों का विज्ञापन जारी करने का काम खुलकर किया जा रहा हैं.करोडों रुपये फूंकने के बाद भी जनसंपर्क विभाग सरकार की अच्छी छवि बना पाने में असमर्थ नज़र आता है.पूर्व की सरकार में जनसंपर्क विभाग का काम नज़र आता था पर इस सरकार में जनसंपर्क सचिव पी दयानन्द आईएएस और संचालक रवि मित्तल आईएएस भी सरकार की छवि बना पाने में कमजोर साबित हुए.आखिर करोडों रुपये फूंकने के बाद भी प्रिंट मीडिया सोशल मीडिया में सरकार के खिलाफ ख़बरें लग रही हैं.ऐसा लगता है कि सुशासन तिहार को नौकरशाहों ने मज़ाक तो नहीं बना दिया.
सुशासन में अवैध शराब और अवैध रेत खनन की आई शिकायत……
चर्चा है कि इस दौरान सबसे ज़्यादा शिकायतें अवैध शराब और अवैध रेत उत्खनन की रहीं। सूबे के मुखिया भी क्या करे सीधे और सरल मुख्यमंत्री हैं.अफसरों को अपने मन मुताबिक ही काम करने की आदत हैं. ग्रामीणों के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी अवैध शराब और अवैध रेत खनन को शिकायत की.साथ भाजपा के विधायकों ने अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।सरकारी सिस्टम इस मामले में असहाय सा नज़र आता है. सुशासन तिहार के मंच पर कलेक्टर-एसपी मौजूद हों और सत्ताधारी दल के विधायक यह आरोप लगाएं कि अवैध शराब और पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। वहीं ग्रामीणों ने रेत के अवैध कारोबार की भी शिकायत की. पर अब तक सुशासन वाली सरकार को कोई फर्क़ नहीं प़डा.अब सुशासन की सरकार के नौकरशाहों को कौन आईना दिखाएगा.अवैध शराब और अवैध रेत उत्खनन के मामलें पर सरकार क्या कार्रवाही करेगी य़ह तो भगवान ही जाने.कांग्रेस का कहना है कि सुशासन तिहार असफ़ल रहा.लोगों की समस्याओं से सरकार को कोई सरोकार नहीं हैं.कुल मिलाकर सुशासन तिहार को सफल कर पाने में जनसंपर्क विभाग और साय सरकार विफल रही.