बिलासपुर

*हाईकोर्ट ने 20 आदिवासी ईसाईयों की मुआवजा याचिका की खारिज, शिकायत की सलाह दी*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। बस्तर में कथित साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार हुए 20 स्थानीय निवासियों की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका में शासन से मुआवजे की मांग के साथ आयोग गठित कर जांच की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अपनी शिकायतों के निवारण के लिए उचित मंच के समक्ष अधिकारियों से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी है।

आदिवासी ईसाई समुदाय से आने वाले पोडियम संकर कुंजाम कमला , लेकेम कामू माडवी नागेश , माडवी रावे कदिती लक्ष्मी समेत 20 लोगों ने याचिका दायर की थी। इसमें बताया कि वे सब छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के गांवों में लक्षित सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हुए हैं। इसमें हमला कर इनके घरों और संपत्ति को नष्ट किया गया।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को बार-बार मौखिक और लिखित शिकायतों के बावजूद, कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई और राज्य सुरक्षा प्रदान करने और निष्पक्ष जांच करने या पीड़ितों का पुनर्वास करने में भी विफल रहा। याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने शिकायतों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और फटकार लगाई।

शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने सुनवाई में बताया कि एक घटना के लिए कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायत में पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और मामले की जांच की जा रही है।

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