
●छत्तीसगढ़ उजाला●
सुशासन में बढ़ता अपराध आखिर कौन हैं इसका जिम्मेदार?ऐसा लगता है जैसे राजधानी की पुलिस बहुत ज्यादा काम करके थक चुकी हैं.अपराधियों को पुलिस का खौफ ही नहीं रहा.नशेड़ियों और मवालियों का आतंक इस कदर बढ़ रहा है मानो पुलिस से कोई खौफ ही नहीं। खुलेआम चाकूबाजी,लूटपाट की घटनाओं से राजधानी के लोग भयभीत है, राजधानी में कानून की धज्जियाँ खुलकर उड़ायी जा रही हैं.पर पुलिस प्रशासन पता नही कहा लापता हो गया हैं.राजधानी में देर रात शराब पिलाई जा रही हैं उसको बंद करवा पाने में राजधानी पुलिस आज भी असमर्थ दिखाई देती हैं .अब भरी आबादी में घर से निकाल कर अपराध करने वाले मोहल्लों में गुंडागर्दी करने लगे हैं। राजधानी के बोरियाकला क्षेत्र के रिद्धि-सिद्धि लोटस पार्क सोसायटी में रविवार देर रात नशे करने वालों का उत्पात सामने आया था. हर दिन रायपुर में अपराध की घटनाएँ घट रही हैं.आखिर इस पर सरकार कब कसावट लाएगी.
राजधानी हुई असुरक्षित…….
रायपुर में अपराध का बढ़ता ग्राफ आज एक बड़ा सवाल सभी के जेहन में हैं.5000 रुपए मांगने वाले नशेड़ियों ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को घर से बाहर निकालकर बेरहमी से इतना पीटा कि उन्हें मरा समझा, तब छोड़ा। हद तो यह है कि पुलिस से बेखौफ होकर उसका वाडियो भी उनके पेज से वायरल कर दिया। इधर, इलाके थाना प्रभारी और स्टॉफ को पता ही नहीं कि उनकी नाक के नीचे अमन डान नाम की कोई गैंग पनप रही है।राजधानी पुलिस का प्रशासन भगवान भरोसे ही चल रहा हैं.नए कप्तान भी रायपुर को सम्हाल पाने में असफल नज़र आते हैं.
सच तो यह है कि छत्तीसगढ़ को नशा खा रहा है। नशेड़ियों की बढ़ती संख्या से छोटे-मोटे अपराधों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सड़कों पर नशेड़ी, छपरी, लंफंगे, गुंडे और चाकूबाज पुलिस से बेखौफ रोज नया कांड रच रहे हैं। खमतराई में 30 अप्रैल की रात काम से लौट रहे सागर की बदमाशों ने रंगदारी मांगते हुए बेरहमी से हत्या कर दी थी।रावनभाठा के देवार डेरा बंजारी नगर में दो लोग खुलेआम चाकू लहराकर लोगों को डराते पकड़े गए। आमानाका में दिनदहाड़े बुजुर्ग महिला को लिफ्ट के बहाने गहने लुट लिए। डीडीनगर में बदमाश ऑटो चालक के हमले में. एक बैंककर्मी की भरे दिन में सड़क पर उसकी बेटी व परिवार के सामने हमला कर हत्या कर दी गई। बेटी मदद के लिए गिड़गिड़ाती रही, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। पूरे देश में छत्तीगढ़िया सबळे बढ़िया की मिसाल दी जाती है। रायपुर-बिलासपुर-दुर्ग-भिलाई जैसे शहर लड़कियों के लिए भी सुरक्षित माने जाते हैं। यहां एनआईटी व ट्रिपलआईटी जैसी संस्थाओं में देशभर से लड़के-लड़कियां पड़ने आते हैं। राजधानी में कई प्रदेशों के लोग नौकरी-व्यवसाय कर रहे है। ऐसी घटनाओं के बाद भी पुलिस महकमे को कोई फर्क़ नहीं पड़ता हैं.सुशासन की सरकार में छत्तीसगढ़ की राजधानी का हाल सूबे के मुखिया कब देखेंगे अब इसी का इंतजार है.