*छात्रों व हिंदूवादी ने विवि के प्रशासनिक भवन के मेन गेट में जमकर हंगामा, छात्रों व हिंदूवादी ने विवि के प्रशासनिक भवन के मेन गेट में मचाया जमकर हंगामा* *दर्जन भर अधिकारी पद से मुक्त*
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। शहर के गुरुघासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एनएसएस कैंप में हिंदू छात्रों को जबरदस्ती नमाज़ पढ़ाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विश्विद्यालय के छात्रों व हिंदूवादी ने विवि के प्रशासनिक भवन के मेन गेट में जमकर हंगामा मचाया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झूमाझटकी हुई, आंदोलन कर रहे लोगों ने मामले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई के साथ वाइस चांसलर को हटाने की मांग करते हुए जीजीयू नहीं बनेगा जेएनयू के लगे नारे लगाए। करीब 4 घण्टे तक चले हो हंगामे के बाद विवि के कुलपति ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल से बातचीत करने बुलाया, लेकिन कुलपति वापस चले गए, इस बीच छात्रों को कुलसचिव से बात करने कहा गया। पर दोनों पक्षों में मसले हल को लेकर कोई बात नहीं बनी है। बता दें, कि गुरुघासीदास केंद्रीय विवि के एनएसएस कैंप में छात्रों से नमाज़ पढ़वाने का आरोप लगाया गया है। 26 मार्च से 1 अप्रैल तक कैम्प आयोजित किया गया था। कैंप में विश्विद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे। 159 में केवल 4 छात्र थे मुस्लिम, बाकी सभी हिंदू थे। 30 मार्च को ईद के दिन जबरिया नमाज़ पढ़वाने का आरोप है। छात्रों की मामले की लिखित शिकायत के बाद जांच हो रही है। पुलिस आलाधिकारी इस मामले में अभी भी इन्वेस्टिगेशन के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
छात्र नेता अड़े रहे कि – कुलपति माफी मांगे
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सनातन संस्कृति को ठेस पहुंचाना निंदनीय है। इस घटना में शामिल सभी शिक्षकों को विश्वविद्यालय से बाहर किया जाए और कुलपति सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, विरोध-प्रदर्शन के दौरान छात्रों की भीड़ रजिस्ट्रार दफ्तर में पहुंच गई।
इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्रार कक्ष में हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही कहा गया कि, भविष्य में किसी धार्मिक गतिविधि को शिविरों में स्थान नहीं दिया जाए। इसे लेकर दिनभर विश्वविद्यालय में माहौल गरमाया रहा। आखिरकार, छात्र नेताओं की मांग पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल को अपने ऑफिस से बाहर निकलना पड़ा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। इसके बाद छात्रों को भरोसा दिलाया कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
छात्रों को बयान के लिए बुलाया गया
मामला उजागर होने के बाद कुलपति प्रो. चक्रवाल ने निर्देश पर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को कमेटी एनएसएस कैंप में शामिल होने वाले 159 स्टूडेंट्स का बयान दर्ज करेगी। इसके लिए नए समन्वयक प्रो. राजेंद्र मेहता ने सभी छात्रों को पूछताछ के लिए यूनिवर्सिटी बुलाया है।
हालांकि इस पर भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि, कैंप में शामिल मुस्लिम छात्रों से उन्हें फोन कराया जा रहा है, इससे जांच प्रभावित हो सकती है।
चार छात्रों के अलावा कोई नहीं
विवाद के बीच अब तक 4 छात्रों के अलावा 155 छात्रों में कोई भी छात्र मामले में सामने नहीं आया है। बुधवार को भी लगातार अधिकारी और कोनी पुलिस प्रयास कर रही थी कि कोई सामने आएगा, लेकिन किसी का बयान नहीं आया है। इस पर छात्र नेताओं का आरोप है कि शिक्षकों की ओर से दबाव बनाया गया होगा।
जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। छात्रों की मांग पर उन्होंने तत्काल प्रभाव से एनएसएस इकाई को भंग करते हुए सभी 12 कार्यक्रम अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही भरोसा दिलाया है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी 48 घंटे के भीतर अपना रिपोर्ट देगी।
ये अधिकारी पद से हटाए गए
डॉ. प्रीति सतवानी, कम्प्यूटर साइंस एवं इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी यूजी. इकाई
आशुतोष नायक, सिविल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कंप्यूटेशनल यूजी. इकाई
डॉ. गीता मिश्रा, प्राणी शास्त्र विभाग इकाई
डॉ. मधुलिका सिंह, वनस्पति विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग इकाई
डा. ज्योति वर्मा, कला अध्ययन शाला विभाग इकाई
डॉ. नीरज कुमार, रसायन विभाग इकाई
डॉ. विकास चन्द, वनस्पति विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग इकाई
डॉ. प्रमोद कुमार द्विवेदी, वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग इकाई
डॉ. अश्वलेश्वर कुमार श्रीवास्तव, कम्प्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इकाई
डॉ. प्रशांत वैष्णव, कम्प्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इकाई
डॉ. सूर्यभान सिंह, रसायन विभाग इकाई
डॉ. वसंत कुमार, कला अध्ययन शाला विभाग इकाई