छत्तीसगढ

*बात बेबाक: मार्च बोले तो शासकीय पैसों के दुरुपयोग करने का कुम्भ का महीना…..*

●बात बेबाक●

चंद्र शेखर शर्मा (पत्रकार) 9425522015 कवर्धा 

सरकार चाहे दुरंगी हो या तीन रंगी सरकारी दफ्तरों का रंग और रवैया नही बदलने वाला न इन्हें सरकार बदलने से कोई फर्क नही पड़ने वाला । आज एक सरकारी दफ्तर में घुसते ही ” लाव लाव बिल व्हाउचर लाव मार्च खतम होवइया हावय ” जुमला सुनने को मिला । सरकारी दफ्तर में फरवरी , मार्च बोले तो शासकीय पैसों के दुरुपयोग करने का कुम्भ का महीना होता है । जो काम और फण्ड 10 – 11 महीने फ़ाइल चलने , बार – बार मांग पत्र भेजने , मंत्रालय , मंत्री और संतरी के चक्कर पर चक्कर लगाने पर भी नहीं आ पाता अचानक फरवरी बाई और मारची बाबा के चमत्कार के चलते मार्च के अंतिम दिनों में पंहुचता है । मारची बाबा की कृपा से आबंटन के साथ साथ कोटेशन, सप्लाई आर्डर , सिफारिशी पत्र , बंगले से फोन भी पहुच जाता है और फिर आश्चर्य जनक रूप से फाइलों को पंख लग जाते है ।

रिकार्ड तोड़ चंद घंटो में ही फाईल मंत्रालय , ऑफिस, कलेक्टरेट , ट्रेजरी से होते हुए वापस बाबु की टेबल तक बुलट ट्रेन से भी तेज सुपरसोनिक विमानों की रफ्तार से पहुँच जाती है । धरातल पर काम हो या ना हो, स्टोर में सामग्री भले ना पहुंचे पर कागज और फाईलो में सब पहुंच ओके हो जाता है । इन दिनों दफ्तरों में साहब और बाबू मार्च एंडिंग की जादूगरी में व्यस्त है । मार्च एंडिंग की जादूगरी बाबत एक सरकारी दफ्तर के खाटी और घाघ बाबू से बात की तो कहने लगा महाराज सब कमीशन की चिड़िया का खेल है । जितनी रकम सरकार के नुमाइंदे 11 माह में खर्च नहीं कर पाते उससे ज्यादा तो साल के अंतिम सप्ताह में खर्च हो जाता है जो गिनीज रिकार्ड से कम नही है । अफसर , अधिकारी , बाबू और कर्मचारियों की इस कर्मठता , मेहनत और कार्य के प्रति तत्परता व ईमानदारी के लिए सरकारो और उनके नुमाइंदों का नाम गिनीज बुक में दर्ज़ होना ही चाहिए । मार्च एंडिंग के बहाने ईमानदारी का चोला ओढ़े बेईमानो की कृपा से पैसा भी लगभग पूरा खर्च कर हो जाता है और सबके हिस्से की कमीशन नाम की चिड़िया भी ईमानदारी से उनके पिंजरे रूपी जेब मे पंहुच जाती है ।

सांय सांय की सरकार में भी विकास के लिए बाधक फंड रोकू साहब और बाबुओं के लिए सर्जिकल स्ट्राईक कब होगा ?

चलते चलते कुछ सवाल :-

किसी को चवन्नी की चाय नही पिलाने वाले अपनी किस करतूत और बेईमानी की वजह से हुए ब्लैकमेल और ठगी के शिकार ?

स्वास्थ्य विभाग का कौन है वो विभीषण जो देता था ठगों को जानकारी ?

मोबाईल की जांच के बाद होंगे और भी खुलासे व गिरफ्तारियां ?

और अंत में:-
गूंजता रहूँगा तुम्हारे जेहन की ,गहराइयो में दिन-रात,
जिसे तुम भुला ना सकोगे,वो “अंदाज” हूँ मैं ।

#जय हो 19 मार्च 2025कवर्धा (छत्तीसगढ़)

Anil Mishra

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