*क्या न्यायधानी में मंत्री व पूर्व मंत्री का चल रहा है द्वंद* …..*उपमुख्यमंत्री साव के कार्यक्रम में शामिल नही हुए भाजपा पार्षद……*

बिलासपुर छत्तीसगढ़ उजाला
प्रदेश में भाजपा की सरकार बड़ी जीत के साथ तो बन गयी है।पर भाजपा के राजनेताओं का अंतर्कलह भी सामने नजर आने लगा है।सत्ता का नशा कुछ अलग ही होता है।चढ़ता ऐसा है कि उतरने का नाम ही नही लेता।बिलासपुर या राज्य भाजपा में एक ही नाम का बोलबाला हुआ करता था।आज वो विधायक तक ही सीमित है।आज भाजपा में अंदरूनी लड़ाई अपने चरम पर है।बिलासपुर के संगठन में आज भी अमर अग्रवाल के लोग काबिज है।सत्ता के केंद्र बिंदु बने उपमुख्यमंत्री अरुण साव वैसे तो लोरमी के विधायक है।पर उनका रहना बिलासपुर में है।
इन दोनों नेताओ की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गयी है।जिसे जब मौका मिल वो निपटाने में लगा रहता है।भाजपा वैसे अपने नीति सिद्धांत को लेकर चलती है।अब सत्ता में बैठे नेता हवा में उड़ रहे है। बिलासपुर के सभी शासकीय व निजी कार्यक्रमो में डिप्टी सीएम अरुण साव नजर आते है।समय का भी अपना अलग खेल होता है।जो कभी पार्टी कार्यक्रमो में भी नजर नही आते थे आज वो सत्ता के केंद्र बिंदु में विराजित है।एक दिन पहले बिलासपुर में एक शासकीय आयोजन था।इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव मुख्य अतिथि थे। वैसे साय सरकार में अरुण साव नगरीय निकाय मंत्री भी है। निकाय चुनाव में जीत के बाद पहली बार बिलासपुर आए डिप्टी सीएम अरुण साव से मिलने या स्वागत करने एक भी भाजपा पार्षद नहीं पहुंचा।यह बात लोगो को बहुत आसानी से समझ मे आ गयी।सरस मेला के आयोजन में आये उपमुख्यमंत्री से निगम पार्षदों का नही आना ।बहुत से सवालों को जन्म दे दिया।शहर सरकार से केवल मेयर विधानी बस पहुची थी। भाजपा पार्षद भी अपने मंत्री से मिलने नही आये यह दोनों बड़े नेताओ के विवाद को दर्शाता है।
सूत्रों के अनुसार शहर विधायक व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल भी जानबूझकर कार्यक्रम में शामिल नही हुए।कहा तो यह जा रहा है कि विधायक अमर अग्रवाल का स्वास्थ्य सही नही था इसलिए वो कार्यक्रम में शामिल नही हुए।भाजपा पार्षदों का कहना है कि जब हमारे नेता ही नही जा रहे है तो हम क्यो जाएंगे। वैसे निकाय मंत्री से एक भी भाजपा पार्षद मिलने नहीं पहुंचा, इस बात की खूब चर्चा थी। कार्यक्रम में पहुचे अफसरों ने भी इस बात को नोटिस किया। नगरीय निकाय में जीत के बाद पहली बार डिप्टी सीएम साव शहर के कार्यक्रम में और पीएम मोदी की सभा की तैयारी को लेकर बिलासपुर आए थे । नगर विधायक और उपमुख्यमंत्री का विवाद अब सामने नजर आने लगा है।अमर अग्रवाल के लोग न तो सरकार के कार्यक्रम में न पीएम मोदी की तैयारी वाली जगह पर नजर आये,, संगठन के अध्यक्ष व महापौर एल पद्मजा विधानी कार्यक्रम में उपस्थित थी। भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता आखिर अपनी ही सरकार के आयोजन से कन्नी क्यो काट रहे है।क्या संगठन के लोग अपने उपमुख्यमंत्री का बायकॉट कर रहे है।
भाजपा की आपसी लड़ाई से केवल कार्यकर्ताओं का ही नुकसान होता आया है।पूर्व की भूपेश सरकार में कार्यकर्ताओं ने यह महसूस भी किया था। पार्टी के बड़े नेताओ को अपने लोगो के साथ ही पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है।इन्ही सब समस्याओं को दूर करने को लेकर पार्टी का संगठन मंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं की बातों को सुनता था।पर आज संगठन मंत्री से मिलना कार्यकर्ताओं के लिए आसान काम नही रहा।प्रदेश में भाजपा की सत्ता को सवा साल से ज्यादा समय हो चुका है।आज भी पार्टी का कार्यकर्ता अपने काम के लिए चक्कर काट रहा है।इन्ही कारणों की वजह से कही न कही उपमुख्यमंत्री अरुण साव बिलासपुर की राजनीति में कमजोर नजर आ रहे है।वैसे मंत्रिमंडल विस्तार में अमर अग्रवाल के नाम की भी चर्चा है।विभागीय रूप से सरकार के कामकाज में अमर अग्रवाल का अपना एक अलग अंदाज था।सरकार में ऐसे कुशल नेतृत्व को लाना चाहिए।अब सत्ता में बैठी भाजपा मंत्रिमंडल में किसको लेती है यह पार्टी का अंदरूनी मामला है।वैसे इस आपसी द्वंद में कौन किसको पटखनी देगा यह देखना बाकी है।