*अनेचुरल सेक्स के दौरान महिला की मौत, हाई कोर्ट ने कहा- कानूनी रूप से यौन संबंधों के लिए पत्नी की सहमति जरूरी नहीं होती*
छत्तीसगढ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। अनेचुरल सेक्स के दौरान महिला की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक पति को रिहा कर दिया। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने 10 फरवरी को फैसला सुनाते हुए कहा कि कानूनी रूप से यौन संबंधों के लिए पत्नी की सहमति जरूरी नहीं होती है।
जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने ये भी कहा कि पत्नी की उम्र 15 साल है। ऐसे में अगर, पत्नी के साथ पति अननेचुरल सेक्स करता है, तो वह बलात्कार नहीं माना जा सकता है।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद आरोपी दुष्कर्म, अप्राकृतिक और गैर-इरादतन हत्या के मामले बरी हो गया। निचली अदालत ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपी को तत्काल जेल से रिहा किया जाए।
क्या है पूरा मामला…
यह मामला 11 दिसंबर 2017 का है। महिला के साथ उसके पति ने जबरदस्ती अननेचुरल सेक्स किया था। उसके बाद पीड़िता की तबीयत काफी बिगड़ गई थी। उसको तुरंत ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मरने से पहले पीड़िता ने पति के खिलाफ आरोप लगाए थे।
पीड़िता ने मरने से बयान दिया था कि पति ने उसके साथ यौन संबंध बनाते हुए जबरदस्ती की थी, जिससे उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी। इस बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी पति पर आइपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 304 (गैरइरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया था।
ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी 10 साल की सजा
मामले की सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ आरोपी पति ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
हाई कोर्ट ने क्या कहा…
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि पत्नी की उम्र 15 साल से अधिक है, तो पति के किसी भी प्रकार के यौन संबंध को बलात्कार नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में पत्नी की सहमति का कानूनी रूप से कोई महत्व नहीं रह जाता है।
कोर्ट के अहम बिंदु
पति-पत्नी के बीच संबंधों में सहमति जरूरी नहीं: हाई कोर्ट ने कहा कि आइपीसी की धारा 375 के तहत पति-पत्नी के संबंधों को अलग नजरिए से देखा गया है।
पति को अपराधी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता: कोर्ट ने कहा कि जब पति और पत्नी के बीच संबंध स्थापित होते हैं, तो इसे रेप नहीं माना जा सकता, जब तक कि पत्नी नाबालिग न हो।
अप्राकृतिक संबंध भी अपराध नहीं: कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी बालिग है, तो पति द्वारा किए गए अप्राकृतिक यौन संबंध भी अपराध की श्रेणी में नहीं आते।