मध्यप्रदेशराज्य

आखिर कब मिलेंगे सरकारी स्कूलों को शिक्षक…

  • सूनी पड़ीं कक्षाएं, 3 साल पहले चयनित प्राथमिक शिक्षकों को नहीं मिली अब तक नियुक्ति
  • ‘27 फीसदी’ की फांस में 882 चयनित प्राथमिक शिक्षक
  • पटवारी और सब इंजीनियर की भर्ती 100 फीसदी पदों पर हो चुकी है, शिक्षक अभी भी इंतजार

भोपाल।  मप्र में एक तरफ सरकार स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के अभियान में जुटी हुई है और इसके लिए सीएम राइज जैसे सर्वसुविधायुक्त स्कूल खोल रही है। वहीं दूसरी तरफ स्थिति यह है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में भी साल 2020 में उत्तीर्ण हुए 882 प्राथमिक शिक्षकों को अब तक नियुक्ति नहीं मिल पाई है। दरअसल, ये सभी ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थी हैं, और 27 फीसदी आरक्षण की फांस में फंसे हुए हैं। जबकि उसी वर्ष आयोजित पटवारी और सब इंजीनियर की भर्ती 100 फीसदी पदों पर हो चुकी है।
दरअसल, मप्र प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 (वर्ग-3) की द्वितीय काउंसिलिंग में ओबीसी चयनित 882 उम्मीदवार की नियुक्ति होल्ड हो गई है। ओबीसी अभ्यर्थियों की नियुक्तियां क्यों होल्ड है? इसे लेकर कोई भी जिम्मेदार बात करने को तैयार नहीं है।  शिक्षक पात्रता परीक्षा में सिलेक्ट होने के बाद भी 882 ओबीसी कैंडिडेट्स को जॉइनिंग लेटर नहीं मिले हैं। कई तो ऐसे हैं जो अपनी पुरानी नौकरी से इस नई नौकरी में आने के लिए इस्तीफा तक दे चुके हैं। किसी ने रेलवे तो किसी ने प्राइवेट जॉब छोड़ दी है। लेकिन उन्हें आज तक नियुक्ति नहीं दी गई।

 

भर्ती की पूरी प्रक्रिया संपन्न


गौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए लोक शिक्षण संचालनालय के 7500 एवं जनजातीय कार्य विभाग के 769 पदों पर संयुक्त काउंसिलिंग के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रोस्टर जारी किया गया। प्रथम काउंसिलिंग की समुचित प्रक्रिया जिलेवार आरक्षण के तहत प्रवर्गवार रोस्टर आधारित ही संपन्न कराई गई। उसी तरह द्वितीय काउंसिलिंग की भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने जिलेवार आरक्षण के तहत दस्तावेज सत्यापन के बाद चयनसूची में स्थान प्राप्त किया। इसी क्रम में प्रक्रिया के तहत विभाग द्वारा जिले का आवंटन किया गया और शाला चयन भी अभ्यर्थियों से करा लिया गया। किंतु 10 अगस्त 2023 को नियुक्ति आदेश जारी होने की प्रक्रिया में शाला चयन करने वाले 6380 अभ्यर्थियों में से केवल 5498 अभ्यर्थियों के ही नियुक्ति आदेश जारी किए गए। बाकी 882 नियुक्ति आदेश बिना किसी कारण के, बिना किसी सूचना के आज तक लंबित हैं। जबकि सामान्य प्रशासन ने 27 जनवरी 2024 को शुद्धि पत्र जारी किया। जिसमें जिन भर्तियों के रिजल्ट घोषित नहीं किए गए हैं, उनके परिणाम 87 और 13 प्रतिशत होल्ड करके घोषित करने का निर्देश दिया गया, लेकिन शिक्षकों के लिए आज तक कोई आदेश नहीं हुए हैं। शिक्षकों की मांग है किजिन अभ्यर्थियों ने चॉइसफीलिंग कर दी है, उन्हें तुरंत नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं।

 

गुमराह कर रहे अधिकारी!


अभ्यर्थियों ने डीपीआई के अधिकारियों पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया है। अभ्यर्थियों ने बताया कि रोस्टर में सवा लाख पद खाली थे, लेकिन डीपीआई के अधिकारी हमें गुमराह कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 के अभ्यर्थी है जो कि पात्रता परीक्षा 2020 उत्तीर्ण हैं। सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 में नाम मात्र के पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की जा रही है, जबकि भर्ती परीक्षा 2020 उत्तीर्ण चयनित शिक्षकों की संख्या 1 लाख 94 हजार है। ऐसी विसंगति तब है जब प्रदेश में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं।

 

यह हैं प्रमुख मांगें

  • बिना किसी कारण ओबीसी के नियुक्ति आदेश रुके हुए है उनको जारी किया जाए।
  • जिन समस्त वर्गों के अभ्यर्थियों का जिला एवं स्कूल चॉइसफीलिंग (वेटिंग) हो चुकी है उनको नियुक्ति दी जाए।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button