थाने की महज 300 मीटर की दूरी में किसके संरक्षण में रोज लगा रहता है जुआरियों का जमावड़ा, अवैध सट्टे का कारोबार? जुआरियों का वीडियो सोशल मीडिया में हो रहा वायरल…
छत्तीसगढ़ उजाला
जीपीएम (छत्तीसगढ़ उजाला)। गौरेला थाने से महज 300 मीटर की दूरी में भट्टाटोला में दशकों से जुए सट्टे का कारोबार दिनोदिन फलता फूलता जा रहा है मगर पुलिस प्रशासन का इस ओर ध्यान नही है ध्यान हो भी कैसे चूंकि पुलिस विभाग का अमला ही इन जुआरियों से फलफूल रहा है।
वही सूत्रों की माने तो खुलेआम पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे रोजाना करोड़ो का सट्टा – पट्टी सहित जुए का बड़ा कारोबार संचालित हो रहा है भट्टाटोला निवासी रवि जायसवाल और चिंटू जायसवाल इसके सरगना है जिस पर पहले भी कई मामले थाने में लंबित है जो यह खुलेआम जुए सट्टे के किंग बने बैठे है।
थाने की महज 300 मीटर की दूरी में किसके संरक्षण में रोज लगा रहता है जुआरियों का जमावड़ा, अवैध सट्टे का कारोबार? जुआरियों का वीडियो सोशल मीडिया में हो रहा वायरल…@vishnudsai @ArunSao3@CG_cyberpolice
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जानकारी के मुताबिक आपको बता दे इन जुआरियों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके है कि इन्हें न तो कानून का डर है न ही प्रशासन का तब तो यह जुआरी खुलेआम पुलिस आरक्षक पर भी नही बख्शते और पुलिस जवान पर ही हमला कर देते है और पुलिस महकमा इन जुआरियों से पोषित होकर महज खानापूर्ति कर मामले को खत्म कर देता है।
जुआरी बताते है इनकी पहुँच ऊपर तक है नीचे से ऊपर तक के पुलिस अधिकारियों को जुए सट्टे की एक मोटी रकम पहुँचाते है अब यह रकम किसको देते है यह तो जुआरी ही बेहतर बता पाएंगे मगर जिस कदर इनके हौसले बुलंद है इससे तो यही जाहिर होता है कि पूरी कानून व्यवस्था इन जुआरियों के इशारे पर ही चलती है तब तो यह खुलेआम जुए का कारोबार भी चलाते है और किसी पर भी हमला कर देते है।
उल्लेखनीय है कि बीती रात भी इन जुआरियों ने मिलकर बिलासपुर से आये एक व्यक्ति पर लाठी डंडों से हमला कर दिया जिस पर ले दे कर गौरेला थाने में खानापूर्ति जैसा ही अपराध दर्ज किया गया ऐसे में सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन जिसका कार्य कानून न्याय व्यवस्था संभालना है जब वही इन सटोरियों जुआरियों को संरक्षण प्रदान करने लगेगा तो आखिर आमजन का पुलिस प्रशासन पर कैसे भरोसा कायम हो पायेगा, यह पुलिस महकमे के लिए भी सोचनीय विषय की आखिर यह जुआरी सटोरियों को संरक्षण देने का ही कारण था कि एक पुलिस आरक्षक पर सटोरिए जुआरी हमला करते है और पुलिस मामले की लीपापोती में लग जाती है। आखिर इसकी नीति यही होगी की पुलिस से ज्यादा लंबे हाथ इन जुआरियों सटोरियों के हो जायेगे जो कभी भी पुलिस के गिरेबान तक पहुँच जायेगे।
जबकिं गृह मंत्री ने डीजीपी को स्पष्ट आदेश दे रखा है कि प्रदेश में जुए सट्टे समेत नशे के कारोबार पर लगाम लगाये अब जब सैया ही कोतवाल भये है तो आखिर किस्से उम्मीद की जाएगी न तो इन पुलिस अधिकारियों को गृह मंत्रालय का डर है न ही डीजीपी के आदेशों का तब तो जुआरियों के हौसले सातवे आसमान में है।
अब देखने वाली बात ये होगी की क्या इस खबर के बाद इन जुआरियों पर कार्यवाही होती है या नहीं?