बिलासपुर

सिम्स में नर्स के इंजेक्शन लगाने से महिला की मौत के बाद देर रात तक हुआ हंगामा, स्वाजन ने कहा कि लापरवाही से गई जान

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। सिम्स बिलासपुर में इलाज के लिए कुमारी यादव पति बलराम यादव 56 वर्ष को बीते दिनों सिम्स के मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया गया था। किडनी में कुछ परेशानी थी साथ ही शुगर भी था। भर्ती होने के बाद भी कुमारी यादव की हालत इतनी गंभीर नहीं थी, लेकिन बीते गुरुवार की शाम सवा सात बजे उसे नर्स ने एक इंजेक्शन स्लाइन के सहारे दिया। इसके कुछ देर बाद ही उसकी हालत बिगड़ने के साथ सांस लेने में तकलीफ होने लगी।

मौजुद स्वजन को समझ नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है। ध्यान देने पर पता चला कि इंजेक्शन के बाद से उसकी हालत बिगड़ती जा रही है। ऐसे में तत्काल डूयटी कर रहे डाक्टरों को इसकी जानकारी दी गई।

डाक्टर भी समझ गए कि उसकी हालत गंभीर हो गई है। उसे बचाने के लिए सीपीआर देने के साथ ही अन्य जीवन रक्षक दवाएं भी दी गई, लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। मौत की खबर सुनकर स्वजन भड़क गए और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाने लगे। स्थिति बिगड़ते देख जूनियर डाक्टरों की टीम के साथ सुरक्षाकर्मी पहुंच गए। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और देर रात तक हंगामा होता रहा। इस मामले को सिम्स प्रबंधन ने जांच के दायरे में लिया है।

नर्स ने कहा डाक्टर के कहने पर दिया इंजेक्शन

जब मामले ने तुल पकड़ लिया और बात यह सामने आ चुकी थी कि इंजेक्शन लगने के बाद ही महिला की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। इस पर इंजेक्शन लगाने वाली नर्स अंजलिका मसीह से इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने लिखित में ब्यान दिया कि मुझे मरीज कुमारी यादव को केसीएल इंजेक्शन लगाने पीजी रेसीडेंट डा़ हेमंत बंगालकर ने कहा था, तब मैने इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद जो भी हुआ है, वो मेरी जिम्मेदारी नहीं है। मैने डाक्टर को बता दिया था कि मरीज की हालत अच्छी नहीं है।

डाक्टर ने ये कहा

इस मामले में महिला का इलाज करने वाले डा़ हेमंत बंगालकर ने अस्पताल अधीक्षक डा़ एसके नायक को लिखित जानकारी दी गुरुवार की शाम में राउंड में था। उस दौरान कुमारी यादव की जांच की और उनके यूरिया, क्रेटनिन, सोडियम, पोटेशियम का रिपोर्ट देखने पर पता चला कि पोटेशियम लेवल कम हो गया है। तब अपने सीनियर डा़ अनमोल से सलाह ली।

फोन कर डा़ अमिता ठाकुर से भी सलाह ली। तब मुझे केसीएल नाम का इंजेक्शन 100 एमएल लगाने के लिए नर्स को निर्देश दिया। इसके बाद मरीज की हालत अचानक बिगड़ गई। सांस लेने में दिक्कत होने लगी। तब मैने सिस्टर से पूछा की इंजेक्शन कैसे लगाए हो और इंजेक्शन कैलशियम ग्लुकोलेट एवं इंजेक्शन हुमन इंन्सीलीन 10 यूनिट इन 100 एमएल में लगाने को कहा। हालत में सुधार नहीं आया तो सीपीआर के साथ अन्य जरूरी दवा दी गई और पेसेंट को शिफ्ट कराया गया।

भर्ती मरीज भी आ गए दहशत में

जब वार्ड में हंगामा हो रहा था, तो वार्ड में भर्ती अन्य मरीज भी दहशत में आ गए थे। क्योंकि युहकों की भीड़ बढ़ते ही जा रही थी और महौल तनावपूर्ण हो गया था। जोर-जोर की आवाजे आने से भर्ती मरीज और उनके स्वजन भी सकते में आ गए थे। सुरक्षाकर्मियों के आने के बाद तनाव कुछ हद तक कम हुआ।

देर रात तक लगी रही भीड़

वार्ड में देर रात तक स्वजन और युवकों की भीड़ लगी रही और उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा भी कर रहे थे। ऐसे में वरिष्ठ चिकित्सकों को भी वार्ड में आना पड़ा और सिम्स के सभी सुरक्षाकर्मी के साथ ही इटर्न डाक्टर भी ग्रुप बनाकर आ गए। वर्जन मामले की शिकायत मिली है। जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। स्वजन को समझाइश दी गई है। पीएम कराने के बाद शव सौंप दिया गया है। मामले की जांच के लिए चार सदस्यी टीम गठित की गई है।
डा़ सुजीत नायक, एमएस, सिम्स

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