केंद्र सरकार के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने सभी राज्यों में स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाने की योजना, शहर में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य प्रारंभ, बिजली चालू रखने के लिए कराना होगा रिचार्ज
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। शहर में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। शुरुआत बिजली कर्मचारियों के घरों से हुई है। पहले दिन शुक्रवार को तोरवा पावर हाउस स्थित सीएसईबी कालोनी के चार से पांच क्वार्टर में मीटर लग गए हैं। कालोनी में करीब 14 क्वार्टर हैं। यहां कार्य पूरा होने के बाद संबंधित ठेका कंपनी आम उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंचेगी।
मोबाइल बैलेंस की तरह अब बिजली सप्लाई लेने के लिए उपभोक्ताओं को रिचार्ज कराना होगा। यह सुविधा बिजली वितरण कंपनी की प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना के तहत मिलेगी। इस मीटर के लगने के बाद पुराने पोस्टपेड मीटर हटा दिए जाएंगे। प्रीपेड मीटर की खास बात यह होगी कि उपभोक्ता जितने का रिचार्ज कराएंगे, उतनी यूनिट में बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे। रिचार्ज का बैलेंस खत्म होने के बाद बिजली सप्लाई भी बंद हो जाएगी।
केंद्र सरकार के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने सभी राज्यों में स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाने की योजना बनाई है। प्राधिकरण ने उपभोक्ताओं के पोस्टपेड मीटर बदलकर प्रीपेड मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करने के लिए तीव्र गति से काम चल रहा था। कुछ महीने पहले ही टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई। अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम प्रारंभ हो गया है। योजना के तहत मीटर लगाने की शुरुआत बिजली कंपनी के कार्यालय व यहां के कालोनियों से होनी थी। इसके तहत तोरवा शहर संभाग क्रमांक एक अंतर्गत आने वाली कालोनी में मीटर एजेंसी जीनस कंपनी ने मीटर लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। यह बेहद अच्छी योजना है।
इसका लाभ कंपनी को मिलेगा। इससे बिजली विभाग में मीटर रीडिंग लेने के लिए कर्मचारी को भेजने की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही बिजली के इस्तेमाल के बाद बिल न भरने वालों पर भी लगाम लगेगी। प्रीपेड मीटर को पहले रिचार्ज करना होगा। इसके बाद उपलब्ध बैलेंस के आधार पर बिजली का इस्तेमाल किया जा सकेगा। बैलेंस खत्म होने पर बिजली बंद हो जाएगी।
बैलेंस खत्म होने के तीन दिन पहले उपभोक्ता को मैसेज के जरिए सूचित किया जाएगा, ताकि उपभोक्ता अपने बिजली के मीटर को रिचार्ज कर सकें और सप्लाई निर्बाध जारी रहे। विद्युत कंपनी को बकाया राशि वसूलने जैसी दिक्कतों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान में सभी जगहों पर पोस्ट पेड मीटर लगा हुआ है। ऐसे में बिजली इस्तेमाल करने के महीने भर बाद इसका बिल आता है।
ऐसे में बिजली कंपनी को बिल का भुगतान प्राप्त करने में डेढ महीने का समय लग जाता है। इसके साथ ही बहुत से लोग व संस्थान बिजली बिल का भुगतान भी नहीं करते हैं। इसकी वजह से बिजली कंपनी को नुकसान होता है। कई बार रीडिंग गलत होने की वजह से बिल अधिक या कम आ जाता है। इसके चलते लोगों के साथ ही कंपनी को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
रात में बैलेंस खत्म तो बंद नहीं होगी बिजली
स्मार्ट प्रीपेड मीटर को मोबाइल के बैलेंस की तरह रिचार्ज करना होगा। जितने रुपये का रिचार्ज मीटर में होगा उतनी राशि की ही बिजली मिलेगी। यदि रात के समय प्रीपेड का बैलेंस खत्म होता है तो तत्काल बिजली बंद नहीं की जाएगी। मीटर रिचार्ज कराने के लिए लोगों को सुबह तक समय दिया जाएगा। सुबह तक इस्तेमाल की गई बिजली का बिल भुगतान रिचार्ज करने के बाद बैलेंस में से ही खुद ब खुद कट जाएगा।
फिलहाल व्यवस्था रहेगा पोस्टपेड
यह इस योजना की शुरुआत है। इसलिए स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी भुगतान की व्यवस्था अभी पोस्टपेड की तरह ही रहेगी। जब सुविधा पटरी पर आ जाएगी, उसके बाद ही प्रीपेड की व्यवस्था लागू होगी।
एक लाख 40 हजार उपभोक्ता शहर में बिजली वितरण कंपनी के दो संभाग हैं। एक तोरवा व दूसरा नेहरू नगर। अकेले तोरवा शहर संभाग की बात करें तो यहां उपभोक्ताओं की संख्या 74 हजार के लगभग है। दोनों संभाग को मिलकर एक लाख 40 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। जल्द इन घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य प्रारंभ होगा।