*स्वास्थ्य मंत्री ने समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करने के दिए हैं निर्देश*
*सालाना करोड़ों का बजट शासन से ले रहे, जिसका कोई हिसाब नहीं*
*सही जांच हुई तो विभाग के कई अधिकारी समेत कई इस पर भी गिर सकती है गाज
*पूर्व की भाजपा सरकार से बंद करना चाहती थी, कांग्रेस सरकार में खूब फल फुल एनजीओ
*शासकीय भर्ती प्रक्रिया, मितानिनो के प्रशिक्षण समेत कई मामले में अनियमितता की आशंका पर उठ रहे सवाल*
पड़ताल स्टोरी
रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला। सफेद हाथी साबित होता स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर (एसएचआरसी) एनजीओ पर जल्द ताला लग सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग को समीक्षा कर जल्द ही रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार एनजीओ के रूप में पंजीकृत है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद शासन द्वारा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर को लेकर इस एनजीओ के साथ अनुबंध किया जाता रहा। इसे चलाने के लिए शासन करोड़ों रुपए बजट देता है। लेकिन जिस तरह से एसएचआरसी का काम काज है। इसपर लगातार सवाल उठते रहे हैं। सूत्रों का यह भी द्वारा है कई आईएएस अधिकारियों का इसे संरक्षण प्राप्त है और अनुबंध समेत काम दिलाने के एवज में करोड़ों रुपए के वारे न्यारे किए जा रहे हैं। पूर्व में भाजपा की सरकार ने इसे बंद करने का लगभग निर्णय ले लिया था, लेकिन कांग्रेस शासन काल में एसएचआरसी नाम का यह एनजीओ खूब फला फूला। पूर्व की भाजपा सरकार इसे बंद करना चाह रही थी, लेकिन कांग्रेस शासन काल में इस एनजीओ को संरक्षण मिला।
*एनजीओ को दे दिया संविदा भर्ती करने तक का अधिकार*
एसएचआरसी नाम के इस एनजीओ को संविदा भर्ती करने का अधिकार विभागीय अधिकारियों ने दे रखा है। एनजीओ संस्थान के संविदा भर्ती करने के अधिकार के लेकर भी कई बार सवाल उठे। बावजूद अधिकारियों की सा पर इसे शासकीय भर्ती का भी अधिकार दे दिया गया। इसमें शासकीय भर्ती की कई प्रक्रिया विवादों में रही।
*75 हजार मितानिनों का जिम्मा एनजीओ को कैसे मिला*
बता दें छत्तीसगढ़ में 75000 से भी अधिक मितानिनी है। इसके प्रशिक्षण से लेकर कई तरह के अधिकार इस एनजीओ के पास है। प्रशिक्षण के नाम पर भी कई तरह की अनियमितता की आशंका लगातार जताई जाती रही है। लेकिन अधिकारियों ने इसकी कभी जांच ही नहीं कराई।
*ऑडिट रिपोर्ट में भी घालमेल की आशंका*
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी बता दे शासन द्वारा करोड़ों रुपए प्रोजेक्ट के आवाज में इन्हें राशि दी जाती है। बाकायदा इसका प्रतिवर्ष ऑडिट होना है। लेकिन एनजीओ में ऑडिट रिपोर्ट में भी घर मेल की बात सामने आ रही है, स्वास्थय मंत्री में इसके भी पूरे जांच के आदेश दिए हैं।
*बिना किराए के शासकीय भवन का उपयोग*
विभागीय जानकारी के अनुसार एसएचआरसी एनजीओ कालीबाड़ी चौक के पास जी शासकीय भवन का उपयोग कार्यालय के लिए वर्षों से कर रहा है। उसे भवन का किसी भी तरीके से किराए के रूप में भुगतान नहीं किया जा रहा है।
वर्जन:::
एसएचआरसी संस्थान कामकाज और इसकी उपयोगिता को लेकर समीक्षा करने के हमने निर्देश दिए हैं। इसे बंद करने पर विचार किया जा रहा है।
-श्याम बिहारी जयसवाल, स्वास्थ्य मंत्री
वर्जन:::
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से समीक्षा की जा रही है जो हर साल होता है। संस्थान की सेवा लेना है या नहीं यह शासन निर्णय लेगा। बंद करने से जुड़ी जानकारी हमें नहीं है। मेरे हिसाब से एनजीओ का संचालन तो किया जाना चाहिए।मैं आपको संस्था में कार्यरत लोगो का नाम अभी नही बता पाऊंगा।आप मेरे कार्यालय में आइए।मैं मीटिंग में हु।
– विकास आर केसरी, डायरेक्टर, एसएचआरसी