रायपुर

कंस्ट्रक्शन कंपनी पीआरए ग्रुप कार्यालय के बाहर फायरिंग मामले में पुलिस ने लारेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के 11 लोगों को गिरफ्तार किए, 60 करोड़ की फिरौती नहीं मिलने पर रायपुर में शूटआउट की साजिश

छत्तीसगढ़ उजाला

 

रायपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन कंपनी पीआरए ग्रुप के कार्यालय के बाहर फायरिंग के मामले में नित नई बातें सामने आ रही हैं। गोलीकांड की जिम्मेदारी जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू ने हरियाणा के अमनदीप बाल्मिकी को दी थी। पुलिस ने अमनदीप को उसके घर से दबोच लिया है। उसे आज मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार अमन साहू ने अमनदीप बाल्मिकी को शूटआउट के लिए सात लाख में सुपारी दी थी। वहीं जानकारी के अनुसार कंस्ट्रक्शन कंपनी का झारखंड में 810 करोड़ का काम चल रहा है। ठेका मिलने के बाद अमन साहू की गैंग चला रहे मलेशिया में बैठे मयंक सिंह ने 60 करोड़ रुपये फिरौती मांगी थी।

पैसे नहीं मिलने पर फायरिंग करवाई गई। बता दें कि रायपुर पुलिस ने डेढ़ माह में लारेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के 11 लोगों को गिरफ्तार किए है। अमनदीप की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। उसके अंडर में 250 से ज्यादा गुर्गे काम करते हैं।

पकड़े जाते ही फायरिंग की योजना
गैंग की कार्यप्रणाली को देखते हुए स्थानीय और इंटरस्टेट पुलिस ने रात में ऑपरेशन चलाकर अमनदीप और अन्य बदमाशों को उनके ठिकानों से गिरफ्तार किया। अमनदीप को जब अपने साथियों के पकड़े जाने की जानकारी मिली तो उसने अपने पास लोडेड गन रखी थी। उसकी योजना थी कि पकड़े जाने की स्थिति में वह पुलिस पर फायरिंग कर फरार हो जाएगा। हालांकि गैंग को देखते हुए पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी। अमनदीप को चारों ओर से घेरकर पकड़ा गया।

पुलिस के अनुसार, घटना को अंजाम देने के पहले बदमाश एक-दूसरे को नहीं पहचानते थे। उनकी पहचान रायपुर में ही हुई। बाइक उपलब्ध कराने वाले शाहिद की पहचान शूटरों से रायपुर में हुई। इसके बाद एक अन्य शाहिद नाम के बदमाश ने जिस शूटर को बाइक उपलब्ध कराई थी, उसके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया। बदमाशों को बाइक उपलब्ध कराने के बाद दो बदमाश रायपुर पहुंचे और पिस्टल और करतूस उपलब्ध कराए।

पूरा पैसा नहीं मिला
पुलिस ने झारखंड और हरियाणा से शूटआउट में शामिल छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है। गाड़ी चोरी करने, फोन और सिम उपलब्ध करवाने वाले और खाते में रकम डालने वालों को काम के बाद पूरी रकम देने की बात कही गई थी। कुछ पैसे उन्हें काम के पहले दिए गए थे, काम पूरा होने के बाद रकम देने का वादा किया गया था। जानकारी के अनुसार शूटआउट करने वाले शूटरों को एक लाख रुपये दिए गए हैं। वारदात के आधे घंटे पहले उन तक पैसे पहुंच गए थे।

शूटरों को पकड़ने टीम जुटी
पुलिस को आशंका है कि शूटआउट की घटना में और भी लोग शामिल हैं। शूटरों को गन किसने उपलब्ध करवाई इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल सकी है। पिछली वारदात में पिस्टल को इंदौर से खरीदा गया था। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। इस वारदात में पंजाब, हरियाणा, झारखंड के बदमाश शामिल हैं। इसलिए पुलिस की 10 टीमें बदमाशों की धरपकड़ के लिए झारखंड, पंजाब, हरियाणा में डेरा डाले हुए हैं।

छह राज्यों में सक्रिय है वसूली गैंग
पुलिस के अनुसार रायपुर में शूटआउट करने वाले संगठित गिरोह राजस्थान, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पंजाब में वारदातें करता है। इनका काम अपने राज्यों में सरकारी काम करने वाले ठेकेदारों से लेवी वसूली करना है। सभी राज्यों का जिम्मा एक-एक गुर्गें के हाथ में है, जो जेल में बंद अमन साहू के इशारे पर वारदात करते हैं।

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