जिले में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की खुल गई पोल खोल : जच्चा और बच्चा दोनों की मौत होने का मामला, स्वजन ने स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप
छत्तीसगढ उजाला
गौरेला पेंड्रा मरवाही (छत्तीसगढ उजाला)। जिले में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल खुल गई है। अस्पताल में सही समय पर इलाज नहीं मिलने से एक जच्चा और बच्चा दोनों की मौत होने का मामला सामने आया है। मामले में पेंड्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ नर्स और ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप है। वहीं मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने चुप्पी साध ली है।
दरअसल, पूरा मामला पेंड्रा के अमारू गांव का है। जहां रहने वाली गर्भवती महिला यशोदा यादव पति राकेश यादव की आज मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने पेंड्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ नर्स पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा गर्भवती को बेहतर और सुरक्षित प्रसव के लिए गांव से मितानिन के साथ पेंड्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था।
जहां पेंड्रा के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स की लापरवाही के कारण गर्भवती की मौत हो गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने गर्भवती के परिजनों को कहा कि रेफर पेपर बनने के बाद गर्भवती को फिर से नर्स कमरे में ले गई और इलाज किया गया। जिस पर वहीं पेंड्रा अस्पताल में ही गर्भवती महिला की मौत हो गई थी पर नर्स ने यह बात परिजनों से छुपाई। साथ ही आरोप है कि समय पर कोई भी साधन नहीं उपलब्ध कराया गया, अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज और सुविधा नहीं थी तो मामले को गंभीरता को देखते हुए तत्काल डॉक्टर को नर्स ने क्यों नहीं बुलाया।
जब किसी तरह परिजन गर्भवती को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने गर्भवती को मृत घोषित कर दिया। गर्भवती के पति राकेश यादव का कहना है ड्यूटी पर तैनात नर्स पर आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी पत्नी की वहीं पेंड्रा अस्पताल में ही मौत हो गई थी। उन्होंने यह जानकारी नहीं दी और शव को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में जांच के दौरान डॉक्टरो ने मृत बता दिया।
वहीं गीता यादव जो अमारु गांव की मितानिन थी, उसने कहा कि हमने गर्भवती को पेंड्रा हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। मृतका की मामी ने बताया कि समय से इलाज न मिलने के कारण गर्भवती की पेंड्रा अस्पताल में ही मौत हो गई थी।