*फर्जी जाति प्रमाण पत्र से बनीं नर्सिंग अधिकारी, IAS अधिकारी ने जांच में पाया फर्जी, फिर भी अब तक बर्खास्त नहीं…………* स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विभाग का काला सच : मंत्री के विभाग में पदस्थ गलत कामों को दे रहे शह और मंत्री को खबर नहीं….
*फर्जी जाति प्रमाण पत्र से बनीं नर्सिंग अधिकारी, IAS अधिकारी ने जांच में पाया फर्जी, फिर भी अब तक बर्खास्त नहीं*
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विभाग का काला सच : मंत्री के विभाग में पदस्थ अफसर गलत कामों को दे रहे शह और मंत्री को खबर नहीं….
पैसे के लेनदेन से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों को मिल रहा शह……*
लाखों रुपए लेकर वर्षा गुर्देकर के मामले को भी दबा रहे अधिकारी, जांच में पुष्टि फिर भी कार्रवाई नहीं हुई….
रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला। स्वास्थ्य विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी तरह के एक मामले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नर्सिंग अधिकारी बनने का मामला भी सामने आया है। विभागीय जांच में आईएएस अधिकारी ने नियुक्ति को फर्जी पाया और बर्खास्त करने के निर्देश दिए फिर भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय रायपुर में कार्यरत वर्षा गुर्देकर शासकीय नर्सिंग महा रायपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वर्ष 1994 में स्टाफ नर्स के पद पर अनुसूचित जाति के अंतर्गत हुई है। इसके बाद गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वर्ष 2007 में एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश, स्टाफ नर्स से प्रदर्शक के पद पर एवं प्रदर्शक से सहायक प्राध्यापक में पदोन्नति हो गई। तत्कालीन संयुक्त सचिव आई ए एस अधिकारी डॉक्टर प्रियंका शुक्ला ने जांच प्रतिवेदन शासन को दिया। जांच रिपोर्ट में इस कर्मचारी के संबंध में लिखा गया है कि जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति बालोद 29 मई 2014 के पत्र में 1950 के पूर्व का छत्तीसगढ़ राज्य का दस्तावेज न होने के कारण अमान्य किया गया है। इसके बाद भी चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर जांच को दबाते हुए प्रदर्शक से सहायक प्राध्यापक के पद पर पुनः पदोन्नति कर दिया।इस मामले में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विभाग में पदस्थ अधिकारियों पर लेने देंन का भी आरोप लग रहा है।स्वास्थ्य विभाग में बडे पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी की जा रही है।साथ ही प्रमोशन पे प्रमोशन लेकर सरकार को ही बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है।सूबे के मुख्यमंत्री को इस मामले पर कड़ी कारवाही करने की जरूरत है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉक्टर विष्णु दत्त ने कहा है कि मामला शासन स्तर का है। यदि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति का मामला है तो तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
इस मामले में स्वास्थ्य सचिव रेनू पिल्ले. से बात करने का प्रयास किया गया पर उन्होंने कॉल अटेंड नहीं किया!
इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से भी बात करने का प्रयास किया गया मंत्री जी ने कॉल अटेंड नहीं किया!
प्रदेश की वर्तमान साय सरकार फर्जी जाति सर्टिफिकेट के मामले में क्या कारवाही करेगी यह देखना बाकी है।स्वास्थ्य विभाग के साथ ही बहुत से विभाग में फर्जी जाति का मामला बड़ी संख्या में है।सरकार को सुशासन की बातों को आज यथार्थ में लाने की आवश्यकता है।