नवकार अस्पताल ने आयुष्मान से इलाज का वादा कर किया भर्ती, चार लाख जमा कराए, एक लाख रुपए ना मिला तो मरीज को आपरेशन थियेटर से निकाल दिया….स्वास्थ्य मंत्री जी इस बदहाल व्यवस्था को कब देखेंगे…..
नवकार अस्पताल ने आयुष्मान से इलाज का वादा कर किया भर्ती, चार लाख जमा कराए, एक लाख रुपए ना मिला तो मरीज को आपरेशन थियेटर से निकाल दिया
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था : आयुष्मान से इलाज नहीं किया तो अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल के क्षेत्र से पहुंचा मरीज, और नहीं मिल रही सुविधा
रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला। आयुष्मान भारत योजना से इलाज का वादा कर मरीज को भर्ती कर लिया। मरीज से इलाज के नाम पर 3.50 लाख रुपए लिए। एक लाख रुपए ना देने पर ऑपरेशन थियेटर से निकाल दिया। हद तो तब और हो गई जब आधे अधूरे इलाज में अस्पताल मरीज को डिस्चार्ज कर दिया। और जमा पैसे के बिल भी नहीं दिए।
दरअसल पूरा मामला राजधानी स्थित नवकार अस्पताल का है। यहां पर दुर्घटना के बाद सूरजपुर से उमेश चौबे को इलाज के लिए लाया गया। पीड़ित के परिजन शशांक पांडे ने बताया कि अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से इलाज होने की बात कही। लेकिन बाद में 3.50 लख रुपए जमा कर लिए। दूसरी सर्जरी होने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने करीब एक लाख फिर से जमा करने को कहा। पैसे जमा नहीं कर पाने की वजह से डॉक्टर ने मरीज को ऑपरेशन थिएटर से ही बाहर निकाल दिया।
इस दौरान ऑपरेशन के लिए दिए जाने वाला एनेस्थीसिया मरीज को लगा दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने कहा जब तक पैसे जमा नहीं करेंगे तब तक ना मरीज को छोड़ा जाएगा ना ही सर्जरी की जाएगी। परेशान परिजन ने इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के राहुल वर्मा, लव कुमार यदु से संपर्क किया। जब वह पहुंचे तब अस्पताल प्रबंधन से काफी नोक झोंक हुई।
इस बीच प्रबंधन में पैसे देकर मरीज ले जाने की बात कही। जब मामला प्रशासन स्तर पर पहुंचा तो उन्होंने एक भी छोड़ दिया। लेकिन पुराना बिल नहीं देने की बात कहने लगे। मामले में अस्पताल के प्रबंधन से जुड़े सीमांत श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने कहा कि आयुष्मान से इलाज भी किया गया है। इसके बाद फिर से भर्ती करके उनका कैस में इलाज किया गया। मरीज को डिस्चार्ज किया जा रहा है। बाकी जानकारी हम नहीं दे सकते हैं।
हेल्थ डायरेक्टर के पास कॉल अटेंड करने का समय ही नही..…
इस मामले में हेल्थ डायरेक्टर ऋतुराज रघुवंशी से संपर्क करने के लिए कई बार कॉल किया गया पर साहब तो साहब ही है।कॉल अटेंड नही करने की वैसे भी प्रदेश के नौकरशाही की आदत जगजाहिर है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के क्षेत्र के लोगो के साथ ही जब ऐसा दुर्व्यवहार राजधानी के हॉस्पिटल में हो सकता है तो सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में निजी अस्पतालों की कितनी मनमानी चलती होगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है।