उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में अगले पांच दिन लू का एक और दौर चलेगा। इस दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। इससे पहले अप्रैल और मई के दौरान भी देश के विभिन्न हिस्से तेज लू के कई दौर का सामना कर चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे राज्य भी शामिल हैं।मौसम विभाग ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि अगले पांच दिनों तक चलने वाले लू के इस दौर से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा एवं बंगाल के गंगा तटीय इलाके प्रभावित हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी अल नीनो का प्रभाव है।केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, देश के 150 प्रमुख जलाशयों में जल भंडारण इस सप्ताह उनकी वर्तमान क्षमता का केवल 22 प्रतिशत रह गया है, जिससे कई राज्यों में पानी की कमी हो गई है और जलविद्युत उत्पादन पर भी काफी असर पड़ा है। जबकि भीषण गर्मी ने पहले ही देश में बिजली की मांग को रिकॉर्ड 246 गीगावाट तक पहुंचा दिया है, और घरों व कार्यालयों में एसी व कूलर पूरी क्षमता से चल रहे हैं।
मुंबई में मानसून के आगमन के साथ सोमवार सुबह तक 24 घंटों में मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला। इस दौरान 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई और तापमान में गिरावट से लोगों को काफी राहत मिली। लेकिन महानगर में जगह-जगह जलभराव होने से सड़क यातायात और ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं।मौसम विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र के तट पर अनुकूल परिस्थितियों के कारण मानसून सामान्य समय से दो दिन पहले रविवार को मुंबई पहुंच गया है। अगले 48 घंटों में (12 जून तक) यह गुजरात में प्रवेश कर जाएगा। राज्य में पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। सोमवार सुबह तक 24 घंटों के दौरान राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में कुछ इलाकों में वर्षा हुई, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली।