बहुचर्चित कथित शराब घोटाला केस में पूर्व आईएएस निरंजन दास सहित अन्य आरोपियों को अंतरिम राहत
छत्तीसगढ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कथित शराब घोटाला केस में एसीबी की एफआईआर को चुनौती देते दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल और महेश जेठमलानी ने बहस की, जो अधूरी रही। मामले में पूर्व आईएएस निरंजन दास सहित अन्य आरोपियों को अंतरिम राहत मिली है, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। अब 2 जुलाई को मामले में अंतिम सुनवाई होगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश में कथित शराब स्कैम की जांच की थी, जिसमें होलाग्राम निर्माता कंपनी से मिलकर शराब कारोबारियों से अवैध वसूली करने का खुलासा किया था। शराब घोटाले में अफसर और नेताओं की भी मिलीभगत होने का आरोप है। ईडी ने प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद इस मामले में एसीबी में केस दर्ज कराया है।
पूर्व आयुक्त और कारोबारी ने एसीबी की एफआईआर को दी है चुनौती
आबकारी विभाग के पूर्व आयुक्त निरंजन दास और होलोग्राम निर्माता कंपनी से संबंध रखने वाले विधु गुप्ता की ओर से हाईकोर्ट में पेश याचिका में ये तर्क दिया गया है कि ईडी की ईसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके बाद भी ईडी ने इसे आधार बनाकर एसीबी में केस दर्ज कराया है, इसलिए एसीबी की एफआईआर को विधिक आधिकारिता नहीं है, जिसे खारिज किया जाए। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में राज्य शासन ने कहा था कि केस की अंतिम सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। अब मामले की अंतिम सुनवाई 2 जुलाई को होगी। प्रकरण में हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने बहस की।
पूर्व आईएएस टूटेजा और बेटे की याचिका पर भी हुई सुनवाई
इस केस के आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा व उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर सहित अन्य आरोपियों ने भी ईओडब्ल्यू की एफआईआर को चुनौती दी है। इसमें एसीबी और ईओडब्ल्यू की एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई है। बुधवार को टुटेजा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सिध्दार्थ अग्रवाल और राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी के साथ ही उपमहाधिवक्ता विवेक शर्मा ने बहस की। दोनों तरफ से बहस अधूरी रही, अब मामले में अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टी के बाद जून में होगी।