महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस ने ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी के चक्कर में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उसके परिवार को 5.14 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को एक ट्यूशन टीचर और एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया है। दरअसल, ये दोनों ही वित्तीय लेनदेन के लिए साइबर धोखेबाजों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे।
अप्रैल में साकीनाका इलाके के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा मुंबई क्राइम ब्रांच की साइबर पुलिस में ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद यह केस प्रकाश में आया। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि उसे जनवरी में एक ऑनलाइन शेयर ट्रेडर्स के व्हट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप में जुड़ने के बाद पीड़ित ने शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने की इच्छा जताई। इस सिलसिले में उसे एक कॉल आया, जिसमें उसे प्रशिक्षण लेने के लिए कहा गया।
शिकायतकर्ता ने एक एप डाउनलोड किया, जिसमें उसका वर्चुअल अकाउंट बनाया गया। इसके बाद वह इसमें निवेश करना और मुनाफा कमाना शुरू किया। यह देखते हुए उसके परिवार ने भी इसमें निवेश करना शुरू किया। दो महीने में विभिन्न बैंक अकाउंट से 5.14 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। पीड़त के वर्चुअल अकाउंट से पता चला कि उन्हें 87.85 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, लेकिन वे इसे निकाल नहीं सकते थे।
मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने बैंक खातों की जांच शुरू की, जिसमें पीड़ित ने पैसे जमा किए थे। जांच के दौरान पुलिस ने सुरक्षा गार्ड हम्प्रीतसिंह रंधवा को पकड़ा। पूछताछ के बाद आरोपी ने बताया कि ट्यूशन टीचर विमलप्रकाश गुप्ता ने पीड़ित का बैंक खाता खोला था और वित्तीय लेनदेन के लिए साइबर धोखेबाजों को दिया। पुलिस ने गोरेगांव से ट्यूशन टीचर को गिरफ्तार किया। जांच में मालूम चला कि आरोपी विमलप्रकाश गुप्ता टेलीग्राम एप के जरिए साइबर धोखेबाजों के संपर्क में आया था। धोखेबाजों ने उससे वित्तीय लेनदेन के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने में मदद के लिए पैसे की पेशकश की थी।