गौरेला पेंड्रा मरवाही

लापरवाही : इलाज में लापरवाही बरतने पर झोलाछाप डॉक्टर ने ली मासूम बच्चे की जान, चुप रहने के लिए दिए दस हजार रुपये

छत्तीसगढ़ उजाला

 

गौरेला पेंड्रा मरवाही (छत्तीसगढ़ उजाला)। गौरेला ब्लॉक के ठेंगाडांड़ गांव में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से छह साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई, बच्चे को मामूली बुखार था, झोलाछाप डॉक्टर ने लापरवाही पूर्वक इलाज कर उसके नस में कोई दवा चढ़ाई और उसके बाद कुछ ही समय के बाद मासूम की मौत हो गई।

गौरेला विकासखंड के ठेंगाडांड़ गांव में मंगल सिंह राठौर के घर में छह साल के मासूम अंकुश राठौर की 23 अक्टूबर की रात हल्का बुखार आया जिसके बाद अगले दिन बच्चे के माता-पिता उसे खोडरी गांव में इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौर के निजी क्लीनिक लेकर पहुंचे जहां पर बिना कुछ जांच पड़ताल एवं बिना किसी प्रशिक्षण के झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौर ने बच्चे के नस में एच शेड्यूल का एंटीबायटिक मोनोसेफ 500 इंजेक्शन लगाया जिसके तुरंत बाद मासूम बच्चे की तबीयत और बिगड़ने लगी तो झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौर ने तुरंत उसको डेकसोना (जीवन रक्षक ) इंजेक्शन लगा दिया। तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो ड्रिप चढ़ाने लगा शरीर ठंडा पड़ने लगा और जब बच्चा शांत हो गया तो, तो झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौर ने बच्चे और उसके परिवार के लोगो को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरेला में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पास पहुंचा। सशिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने बच्चे को मृत बताया। बच्चे की मौत के बाद झोलाछाप डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि कहीं भी शिकायत करोगे तो पोस्टमार्टम करना पड़ेगा यह कहते हुए उन्हें शांत रहने के लिए दस हजार रुपये भी दिया।

स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था का परिणाम झोलाछाप डॉक्टर है और यह झोलाछाप डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग की फैली अवस्थाओं का फायदा उठा कर गांव-गांव में प्रतिदिन ना जाने कितने ही लोगों की जान से खेलते हैं और इस तरीके की घटना को अंजाम देते हैं। हालांकि स्वास्थ्य अमला ऐसे लोगों पर कार्रवाई की बात करता है परंतु कभी परिणाम तक नहीं पहुंच पाता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button