बढ़ता अपराध : सिविल लाइन के तैबा चौक में चाकूबाजी का मामला सामने आया, दो बाइक सवार युवकों ने युवक पर चाकू से ताबड़ताड़ वार कर किया लहू-लुहान
छत्तीसगढ़ उजाला
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बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। सिविल लाइन क्षेत्र के तैबा चौक में रविवार की रात चाकूबाजी का मामला सामने आया है। दो बाइक पर आए युवकों ने एक युवक पर चाकू से ताबड़ताड़ वार किया। इसके बाद हमलावर भाग निकले। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो साल पहले दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए हमला किया गया है। फिलहाल आरोपित पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
सिविल लाइन टीआई प्रदीप आर्य ने बताया कि रविवार की रात तालापारा निवासी अरहान खान तैबा चौक के पास खड़ा था। इसी दौरान दो बाइक में सवार उदय चक्रवती, कादिर, पवन और उसके साथी आए। युवकों ने अरहान को घेरकर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इस हमले में लहूलुहान अरहान वहीं पर गिर गया। हमले के बाद आरोपित वहां से भाग निकले।
आसपास के लोगों ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही घटना की सूचना सिविल लाइन पुलिस को दी गई। इस पर पुलिस की टीम ने घायल के संबंध में जानकारी ली, साथ ही आसपास के लोगों से हमलावर युवकों के संबंध में जानकारी जुटाई। प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि दो साल पहले 25 फरवरी को कुछ लोगों ने नवीन महादेवा और उदय चक्रवती पर चाकू से हमला किया।
हमले में गंभीर रूप से घायल नवीन महादेवा की मौत हो गई। इधर उदय को रायपुर रेफर किया गया। बताया जाता है कि रविवार की रात चाकूबाजी में घायल अरहान भी हत्या के मामले में आरोपित रहा है। प्राथमिक पूछताछ के बाद पुलिस की टीम हमलावर युवकों की तलाश कर रही है।
चाकूबाजी की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम सक्रिय हो गई। पुलिस की टीम ने आरोपित युवकों के संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला कि सभी शाम से ही एक साथ घूम रहे थे। घटना के कुछ देर पहले तक वे एक साथ बैठकर हमले की योजना बना रहे थे। हमले के बाद आरोपित युवक भाग निकले। इधर पुलिस की टीम हमलावर युवकों के स्वजन से उनके संभावित ठिकानों की जानकारी जुटा रही है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
दो साल पहले नवीन महादेवा की हत्या के बाद पुलिस पर आरोपित को बचाने के आरोप लगते रहे। मृतक के स्वजन ने एनएसयूआइ के पदाधिकारी वसीम खान को राजनीतिक संरक्षण के चलते गिरफ्तार नहीं करने का आरोप लगाते रहे। घटना के दो साल बाद तक आरोपित वसीम खान पुलिस रिकार्ड में फरार रहा, वह अलग बात रही कि उसे शहर में घूमते व बर्थडे इत्यादि मनाते देखा जाता रहा। दो साल बाद प्रदेश में सरकार बदलते ही आरोपित वसीम खान ने सिविल लाइन थाने में समपर्ण कर दिया।