Predator Drones Deal: नई दिल्ली. अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर कांग्रेस पार्टी ने फिर से मोदी सरकार पर हमला बोला है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के मीडिया सेल के इंचार्ज प्रचार पवन खेड़ा ने ड्रोन की कीमतों और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक के बिना डील पास होने पर सवाल उठाए हैं। खेड़ा ने कहा कि जो राफेल डील में हुआ था, वही प्रीडेटर ड्रोन की खरीद में दोहराया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस प्रीडेटर ड्रोन को दुनिया के बाकी देश चार गुना कम कीमत पर खरीद रहे हैं, उसे भारत ऊंची कीमत पर खरीद रहा है। इस रक्षा सौदे को 15 जून, 2023 को मंजूरी दी गई है।
खेड़ा ने कहा, “राफेल सौदे में जो हुआ वह अमेरिका के साथ प्रीडेटर ड्रोन सौदे में दोहराया जा रहा है। दूसरे देश उन्हीं ड्रोनों को चार गुना से भी कम कीमत पर खरीद रहे हैं लेकिन भारत 31 प्रीडेटर ड्रोन 3 अरब अमेरिकी डॉलर यानी 25,000 करोड़ रुपये में खरीद रहा है। हम 880 करोड़ रुपये में एक ड्रोन खरीद रहे हैं।”
मोदी सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान और दूसरे देश से ड्रोन की खरीद पर सवाल उठाते हुए खेड़ा ने कहा, “कहां गया मेक इन इंडिया? आपने रुस्तम और घातक जैसे ड्रोन के विकास के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को 1786 करोड़ रुपये मंजूर किए थे… फिर आपने ड्रोन खरीदने के लिए अमेरिका को 25,000 करोड़ रुपये क्यों दिए?”
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खेड़ा ने सरकार पर निशाना साधते हुए ड्रोन को ‘पुरानी तकनीक’ और अमेरिका का ‘वेस्ट मैटेरियल’ करार दिया और कहा, “जब हम किसी बेकार चीज़ को बेचते हैं, तो उन्हें मूल से अधिक कीमत पर कैसे बेचा जा सकता है?…क्या इस ड्रोन की खरीद में कोई चुनावी बांड या पेगासस की कम्प्लीमेंट्री डील हुई है?”
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इस डील के तहत कुल 31 ड्रोन (16 स्काई गार्डियन और 15 सी गार्डियन ड्रोन) की खरीद शामिल हैं, जो अमेरिकी ऊर्जा और डिफेंस कॉरपोरेशन जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाए गए हैं। मोदी सरकार के साथ अमेरिकी कंपनी के करीबी संबंधों पर सवाल उठाते हुए खेड़ा ने कहा, “हम जानते हैं कि मोदी सरकार में किस शख्स के जनरल एटॉमिक्स के सीईओ के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और सीईओ ने सरकार के इस महत्वपूर्ण व्यक्ति के साथ कितनी बैठकें कीं?” खेड़ा ने सरकार में एक व्यक्ति पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘ड्रोनाचार्य’ कहा।
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बता दें कि 31 हथियारयुक्त ड्रोन एमक्यू-9बी रीपर ड्रोन, जिन्हें प्रीडेटर-बी ड्रोन भी कहा जाता है, की औपचारिक अधिग्रहण प्रक्रिया जुलाई की शुरुआत में होगी। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि इस रक्षा डील की कीमत और अन्य नियम व शर्तें अभी तय नहीं हुई हैं और उसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है और पूरी प्रक्रिया अभी बातचीत के अधीन है।
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