बिलासपुर

*स्कूलों और अस्पताल के आस पास के पानठेलो को हटाएं : कलेक्टर* *बिना अनुमति के गायब रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के निर्देश, टीएल बैठक में लंबित मामलों की समीक्षा*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)।कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा है कि स्कूल और अस्पताल की बाउंड्री से 100 मीटर के आस पास पान ठेले नहीं होने चाहिए। उन्होंने सभी एसडीएम को सख्त निर्देश दिए कि इसका निरीक्षण कर तत्काल कार्रवाई करें। उन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में जगह -जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाने कहा है। कलेक्टर ने इस आशय के आदेश आज इस टीएल की बैठक में दिए। उन्होंने अस्पताल और स्कूल से बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों और स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने कहा। कलेक्टर ने आज टीएल बैठक में लंबित मामले और राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की। बैठक में नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, डीएफओ सत्यदेव शर्मा, सीईओ जिला पंचायत आरपी चौहान, एडीएम आर.ए. कुरूवंशी सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

जिला कार्यालय के मंथन सभा कक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि विगत दिनों एसडीएम और तहसीलदारों द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों और स्कूलों का निरीक्षण किया गया। बिना अनुमति के गायब रहने वाले शिक्षकों और स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने संबंधित विभागों को कहा है। उन्होंने शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 1 से 15 सितंबर तक विशेष शिविर आयोजित करने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने स्वाइन फ्लू सहित मौसमी बीमारियों के ताजा हालात की जानकारी ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इससे निपटने के अलर्ट रहने कहा। कलेक्टर ने खेती किसानी की भी जानकारी ली। कलेक्ट्रेट के प्रतिलिपी शाखा को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में 1 से 30 सितंबर तक पोषण माह मनाया जाएगा। इस दौरान जिले में पोषण चौपाल लगाया जाएगा और पोषण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर की जांच की जाएगी। माताओं को पोषण के विषय में जानकारी दी जाएगी। पोषण माह में विभिन्न गतिविधियों के द्वारा लोगों को सही पोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि 29 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस दिन सभी स्कूलों, अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 1 से 18 वर्ष तक के बच्चों को कृमि की दवाई दी जाएगी।

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