बिलासपुर

विकाश कार्यों का लोकार्पण करने गए डिप्टी सीएम को दिखाया काला झंडा, दर्जन भर से अधिक लोगों को नहीं मिली जमानत भेजे गए जेल

छत्तीसगढ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। कोटा क्षेत्र के विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विधायक की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उन्हें काला झंडा दिखाया। इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने 15 कांग्रेसियों के खिलाफ कार्रवाई की है। एक कांग्रेसी नेता को जमानत नहीं मिलने के कारण जेल भी जाना पड़ा।

कोटा क्षेत्र में सोमवार 25 नवंबर को डिप्टी सीएम अरुण साव ने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इस दौरान स्थानीय विधायक अटल श्रीवास्तव को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। कांग्रेसियों ने स्थानीय विधायक की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। सोमवार को जब डिप्टी सीएम कोटा पहुंचे तो कांग्रेसियों ने जय स्तंभ चौक के पास जमकर नारेबाजी की। साथ ही उन्हें काला झंडा दिखाने का प्रयास किया गया। पुलिस प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए कांग्रेसियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने आदित्य दीक्षित, देवेंद्र कौशिक, अरुण त्रिवेदी करगी, बबलू अहिरवार, फूलचंद अग्रहरि, शैलेष गुप्ता, हरीश नामदेव, जब्बार खान, दिलीप श्रीवास, शीतल जायसवाल रतनपुर, यासीन खान पोड़ी, राजा रावत रतनपुर, लच्छु महराज और कान्हा गुप्ता के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है।

डिप्टी सीएम को काला झंडा दिखाने के मामले में पुलिस ने देवेंद्र कश्यप उर्फ कमलू के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया। इसके कारण कांग्रेस नेता देवेंद्र कश्यप उर्फ कमलू को एक दिन जेल में रहना पड़ा। बुधवार को उनकी जमानत हो सकी। न्यायालय के आदेश पर बुधवार को उन्हें जेल से छोड़ा गया।

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