बिलासपुर

व्यवसायिक लेनदेन को लेकर परेशान भाजपा नेता व कोयला व्यवसायी ने जहर खाकर की खुदकुशी, पुलिस ने कहा- कारण अस्पष्ट है जांच जारी है

छत्तीसगढ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। तिफरा क्षेत्र के परसदा में रहने वाले भाजपा नेता और कोयला व्यवसायी ने आत्महत्या कर ली है। कुछ दिनों से उनका व्यवसायिक लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। इससे वे परेशान थे। इसी कारण उन्होंने मंगलवार को जहर खा लिया। स्वजन उन्हें अस्पताल लेकर गए। अपोलो अस्पताल में उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। बुधवार को शव का पीएम कराया जाएगा।

सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडेय ने बताया कि तिफरा के परसदा में रहने वाले नरेंद्र कौशिक ट्रांसपोर्टर थे। जहर सेवन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। स्वजन ने उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के दौरान शाम करीब पांच बजे उनकी मौत हो गई।

अपोलो प्रबंधन ने इसकी सूचना रात करीब 11 बजे थाने में दी है। इसके आधार पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। बुधवार को स्वजन की मौजूदगी में शव का पीएम कराया जाएगा। स्वजन से पूछताछ में घटना का कारण स्पष्ट होगा। बताया जा रहा है कि ट्रांसपोर्टर नरेश कौशिक कोयले का भी व्यवसाय करते थे। उनका कुछ लोगों से लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। इसके कारण से वे पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहे थे। फिलहाल घटना का कारण स्पष्ट नहीं है। आगे की जांच में मामला स्पष्ट होगा।
मृतक के सुसाइड नोट के अनुसार यह कि वह कर्ज से परेशान है और उसको किश्त के लिए फोन आ रहा है लेकिन उसके कोयला व्यापारी दोस्त उसको धोखा दे दिए और उसका लोडर हाइवा और कोयला को मौका पाकर बेच दिए। इस हादसे से उन्हें गहरा सदमा लगा और दिन रात परेशान रहने लगे। यहां तक न्याय पाने के लिए मंत्री,नेताओं के अलावा अफसरों तक के दरवाजे खटखटाए लेकिन न्याय नहीं मिला तो मौत की राह चुन ली।
बता दे मृतक नरेंद्र कौशिक कोयला व्यापारी होने के साथ ही भाजपा नेता भी था और बिल्हा विधायक के करीबी भी था। रसूखदार होने के बाद भी सरगांव पुलिस उसकी सुनवाई नहीं की, यहां तक उसकी फरियाद को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसके कारण यह कदम उठाया गया।

आखिर कौन है वह कोयला व्यापारी

हमारे पास मिली जानकारी के अनुसार मृतक ने तीन लोगों का नाम लिखा है और उसमे जिक्र किया है कि उनके कारण ही वह आत्महत्या कर रहा है। फिलहाल यह जांच का विषय है और देखने वाली बात होगी कि जिनकी वजह से एक कोयला व्यापारी ने अपनी जान दी है क्या उसकी आत्महत्या करने के बाद उसे न्याय मिल सकेगा या फिर यह मामला दूसरे कोयला व्यापारी के पैसों के सामने दब जाएगा।

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