*श्री रामलला दर्शन योजना के लिए बिलासपुर वासी उत्साहित, हर वर्ग में खासा उत्साह*
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कैबिनेट बैठक में रामलला दर्शन योजना शुरू करने के निर्णय से बिलासपुर वासी काफी उत्साहित हैं। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ वासियों को दी गई गारंटियों में से एक और गारंटी को पूरा करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अयोध्या धाम के दर्शन के लिए हर साल 20 हजार यात्रियों का श्री रामलला दर्शन हेतु यात्रा पर ले जाया जाएगा। प्रथम चरण में 55 वर्ष से ऊपर के यात्रियों को यह सुविधा उपलब्ध होगी। इसके बाद अन्य आयु वर्ग के लोगो को भी यह सुविधा दी जायेगी।
श्री रामलला दर्शन के लिए कैबिनेट द्वारा लिए गये फैसले से बिलासपुर के हर वर्ग में उत्साह है। इस योजना के तहत 18 से 75 आयु वर्ग के वे सभी लोग जिन्होंने मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य परीक्षण में फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो वे यात्रा के लिए पात्र होंगे। इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल तथा बजट पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में श्री रामलला दर्शन समिति बनाई जाएगी। प्रत्येक समिति द्वारा आनुपातिक कोटा के अनुसार हितग्राहियों का चयन किया जाएगा।
बिलासपुर निवासी विमला यादव रामायण मंडली की सदस्य है और श्री रामलला दर्शन योजना से अयोध्या धाम की यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की यह योजना श्रद्धालुओं के लिए भावुक करने वाली हैं।
तिलक नगर, श्री राम मंदिर के पुजारी पंडित श्री निर्मल त्रिवेदी ने कहा कि शासन की यह योजना श्री राम भक्तों के लिए उपहार की तरह है जिसका हम स्वागत करते हैं। रोजी-मजदूरी करने वाली उषा यादव ने कहा कि सरकार के इस फैसले से हम जैसे परिवारों को भी श्री रामलला दर्शन का सौभाग्य मिलेगा।
कोनी निवासी बुजुर्ग महिला श्रीमती रमैतिन बाई पटेल इस बारे में सुनकर भावुक होते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय से अयोध्या श्री राम जन्म भूमि दर्शन का अवसर हमें मिलेगा जिसके लिए हम सरकार के आभारी हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री रामलला दर्शन योजना के तहत हितग्राहियों के लिए आईआरसीटीसी द्वारा सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, स्थलोें के दर्शन, स्थानीय परिवहन तथा एसकार्ट की व्यवस्था की जाएगी। हितग्राहियों को उनके निवास से निर्धारित रेल्वे स्टेशन तक लाने एवं वापस ले जाने की व्यवस्था संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा कराई जाएगी जिसके लिए बजट का प्रावधान होगा। प्रत्येक जिले से यात्रियों के साथ एक सक्षम शासकीय अधिकारी अथवा एक छोटा दल भेजा जाएगा। यात्री दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ एवं अंबिकापुर से रेल द्वारा गंतव्य के लिए रवाना होंगे।