*कोरबा : नेताओ व अफसरों की मिलीभगत से बड़े फंड का हो रहा है खेला*
*सफाई के नाम पर डीएमएफ की राशि का हो रहा है बंदरबांट...*
*छत्तीसगढ़ उजाला*
*cgujala.in*
कोरबा. प्रदेश की ऊर्जा नगरी होने के साथ ही इस जिले की चर्चा जिला खनिज न्यास मद को लेकर की जाती है।डीएमएफ को लेकर एक बार फिर यह जिला सुर्खियों में है। इस बार खनिज न्यास मद से स्वच्छता के नाम पर ऐसे कार्य किए गए हैं जिससे न तो गांव की साफ-सफाई व्यवस्था सुधरी है और न ही इस राशि से ग्रामीणों का भला हुआ है, बल्कि इस राशि को जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने मिलकर अपने अनुसार अपने अपने क्षेत्रों में उपयोग किया है।कमीशन के खेल से सभी वाकिफ ही है।
पूर्व की सरकार में डीएमएफ का बड़ा खेल किया गया था इसकी जांच भी चल ही रही है।गौठान निर्माण से लेकर सोलर के काम मे अरबो का खेला पहले भी किया जा चुका है।सुशासन वाली सांय सरकार को इस मामले की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।कोरोना काल मे भी करोड़ो की राशि व्यय की गई जिसकी जांच की जानी चाहिए।पूर्व की भूपेश सरकार में डीएमएफ का बड़ा खेल अफसरों के द्वारा किया गया था।आजादी के बाद से आज भी केवल नालियां ही बनाई जा रही है।ऐसा लगता है कि आने वाले कई वर्षों तक केवल नालियां ही बनाई जाती रहेंगी।
पिछले पांच वर्ष में विकासखंड पाली में स्वच्छता के नाम पर जिला खनिज न्यास मद की राशि से करोड़ों रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से लाखों रुपए का इस्तेमाल हो चुका है लेकिन राशि से ऐसा कोई कार्य नहीं हुआ है जिससे नेता और अफसर यह दावा कर सकें कि उन्होंने इस राशि का सही तरीके से उपयोग किया है। पाली के अलावा स्वच्छता के नाम पर कटघोरा विकासखंड में भी इस पैसे से नाली और स्कूलों में कुछ कार्य किए गए हैं। इसे लेकर हाल ही में जिला खनिज संस्थान न्यास ने एक रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े हैं रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वच्छता को लेकर कोरबा जिले में 72 कार्य कराए गए। इसमें सबसे अधिक कार्य विकासखंड पाली कटघोरा और कोरबा में कराए गए हैं इसमें संबंधित विकासखंड को एजेंसी बनाया गया लेकिन सबसे अधिक पैसे गांव में नाली निर्माण पर ही फूंके गए हैं यही नहीं इस फंड का इस्तेमाल राहाडीह बैरियर में भी किया गया है इसके अलावा कोरबा विकासखंड और कटघोरा में भी काफी फंड नाली बनाने के लिए ही डीएमएफ से दिए गए लेकिन अगर सही तरीके से इन सारे कार्यों की जांच की जाए तो उनके कार्य गिनती के ही नजर आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के कोरबा,दंतेवाड़ा सहित रायगढ़ के डीएमएफ फंड की एक उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराई जाए तो अरबो का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।जनता की गाढ़ी कमाई केवल कमीशन खोरी में उड़ाई जा रही है।आखिरकार इस लूटपाट के खेला को कब बंद किया जाएगा।कोरबा भाजपा के नेता व पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने भी डीएमएफ घोटाले का मुद्दा कई बार उठाया है साथ ही इसकी शिकायत पीएमओ कार्यालय में भी की थी.आखिरकार ईडी ने भी इस खेल को उजागर किया था.इस मामले की जाँच होती है तो बड़ा खुलासा सामने आएगा.पूर्ववर्ती सरकार के समय पदस्थ अफसर व कई नेताओ को जेल जाना पड सकता है.